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卐 १४०. दस निमित्तों से विषम दुःषमा-काल का आगमन जाना जाता है, जैसे-(१) अकाल में वर्षा !
होने से, (२) समय पर वर्षा न होने से, (३) असाधुओं की पूजा होने से, (४) साधुओं की पूजा न होने । 卐 से, (५) गुरुजनों के प्रति मनुष्यों का मिथ्या या असद् व्यवहार होने से, (६) अमनोज्ञ शब्दों, ! म (७) अमनोज्ञ रूपों, (८) अमनोज्ञ गन्धों के, (९) अमनोज्ञ रसों के और (१०) अमनोज्ञ स्पर्शों के हो । जाने से। (अमनोज्ञ शब्द से भयावह, अनिष्ट कारक, दूषित, रोग वर्धक आदि भाव समझना चाहिए।
140. There are ten signs that indicate the coming of Dukham kaal (epoch of sorrow)-(1) untimely rains, (2) absence of rains during monsoon season, (3) worship of the impious, (4) avoidance of worship of 5 the pious, (5) misbehaviour with seniors, (6) amanojna shabd (repulsive 4 and hurting words), (7) amanojna rupa (repulsive and hurting scenes or visions), (8) amanojna gandh (repulsive and hurting smells), (9) amanojna rasa (repulsive and hurting tastes) and (10) amanojna sparsh (repulsive and hurting touch). (amanojna includes fearful, harmful, polluted, contaminated etc.) सुषमा-लक्षण-पद SUKHAMA-LAKSHAN-PAD (SEGMENT OF SIGNS OF SUKHAMA)
१४१. दसहिं ठाणेहिं ओगाढं सुसमं जाणेज्जा, तं जहा-अकाले ण वरिसति, (काले वरिसति, असाहू ण पूइज्जंति, साहू पुइज्जंति, गुरुसु जणो सम्म पडिवण्णो, मणुण्णा सद्दा, मणुण्णा रूवा, मणुण्णा गंधा, मणुण्णा रसा), मणुण्णा फासा।
१४१. दस निमित्तों से सुषमा काल की अवस्थिति जानी जाती है, जैसे-(१) अकाल में वर्षा न । + होने से, (२) समय पर वर्षा होने से, (३) असाधुओं की पूजा नहीं होने से, (४) साधुओं की पूजा होने में
से, (५) गुरुजनों के प्रति मनुष्य का सद्व्यवहार होने से, (६) मनोज्ञ शब्दों के, (७) मनोज्ञ रूपों के, 卐 (८) मनोज्ञ गन्धों के, (९) मनोज्ञ रसों के, (१०) मनोज्ञ स्पर्शों के होने से। ___141. There are ten signs that indicate the coming of Sukham kaal (epoch of happiness)-(1) absence of untimely rains. (2) timely rai (3) avoidance of worship of the impious, (4) worship of the pious, (5) good behaviour with seniors, (6) manojna shabd (attractive and beneficent words), (7) manojna rupa (attractive and beneficent scenes or visions), (8) manojna gandh (attractive and beneficent smells), (9) manojna rasa (attractive and beneficent tastes) and (10) manojna sparsh (attractive and beneficent touch).
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कल्प-वृक्ष-पद KALPAVRIKSHA-PAD (SEGMENT OF WISH FULFILLING TREE)
१४२. सुसमसुसमाए णं समाए दसविहा रुक्खा उवभोगत्ताए हव्वमागच्छंति, तं जहा| स्थानांगसूत्र (२)
Sthaananga Sutra (2)
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