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555555555555555555555555555555555555 # यह भगवती सूत्र की चूलिका है। इन पाँचों दशाओं का ग्यारह वर्ष की संयम पर्याय वाला मुनि ही है 卐 अध्ययन कर सकता है। (व्यवहार भाष्य १०/२६)
अरुणोपपात में अरुण नामक देव के उपपात का वर्णन है। जब कोई साधु इस सूत्र का अध्ययन + उपयोग पूर्वक परावर्तन करता है, अरुण देव उसके समझ उपस्थित हो जाता है।
. नन्दीचूर्णि में एक प्रसंग है-एक बार एक श्रमण अरुणोपपात ग्रन्थ का परावर्तन कर रहा था। उस 卐 समय अरुणदेव का आसन चलित हुआ। उसने अवधिज्ञान से देखा और शीघ्र अपने दिव्य ऐश्वर्य के
साथ मुनि के समक्ष प्रकट हुआ। वन्दना कर, हाथ जोड़कर भूमि से ऊपर अधर में बैठ गया और ग्रन्थ 1 का स्वाध्याय सुनते-सुनते उसका मन वैराग्य से भर गया। ग्रन्थ का स्वाध्याय समाप्त होने पर उसने में 卐 मुनि से कहा-भगवन् ! आपने बहुत अच्छा स्वाध्याय किया। आप कुछ वर माँगे। मुनि ने कहा-मुझे वर के
की कोई जरूरत नहीं ! यह सुनकर वह मुनि को वन्दना कर स्वस्थान पर लौट गया। इसी प्रकार ॐ वरुणोपपात, गरुलोपपात, बेलंधरोपपात और वैश्रवणोपपात के विषय में जानना चाहिए। (नन्दी वृत्ति म पत्र २०६। स्थानांग वृत्ति ४८६। हिन्दी टीका, पृष्ठ ८२३) ___Elaboration about Dashas listed in aphorisms 117-120)
Bandha Dasha--The scripture that deals with bondage and liberation is called Bandha Dasha. This scripture is not available now. However there are two chapters in Acharanga Sutra that deal with these topics--Bhaavana (24th) and Vimukti (25th). They should be interpreted and understood according to the guru lineage.
Dvigriddhi Dasha-This scripture is also not available now. However, in Bhagavati Sutra (16th Shatak) there is a chapter named Svapna that has detailed discussion about dreams.
Deergh Dasha-This scripture is also not available in its original form. However, Some of its chapters can be seen in Niryavalika. For example-Chandra, Surya, Shukra and Bahuputrika, these four
chapters are in the third section named Pushpita and the chapter titled 4 Shridevi is in the fourth section named Pushpachulika. Remaining 41 chapters are not available.
Sankshepak Dasha—This is also an extinct scripture. However, Acharya Malayagiri, the commentator (Tika), has provided some \ information in this regard-Kshullikavimaan-pravibhakti contains
description about Avalika-pravisht vimaans (a kind of miniature vimaan) and other small vimaans covered with flowers. Mahativimaanpravibhakti contains description of larger vimaans. Angachulika contains details about appendices of Angas including those of Achaaranga. Vargachulika contains details about vargas (sections or
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| स्थानांगसूत्र (२)
(536)
Sthaananga Sutra (2)
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