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555555555555555555555555555555555555 - निकलते हैं तो उनका सेनापति इनमें प्रवेश हेतु तमिस्रा गुफा का द्वार खोलता है तथा लौटते हुए खण्ड 5 प्रपात गुफा से आता है। (जम्बूद्वीप प्र. व. १)
Elaboration - In the base of Vaitadhya mountain there are two caves, f Tamisra in the west and Khand-prapat in the east. The opening of the
eastern caves is on the banks of Ganges and that of the western cave is on the banks of Sindhu. On the northern and southern sides of the two caves
there are large gates. These gates are always closed. When a Chakravarti 6 launches his victory march, his commander opens the gates entering in f Tamisra cave and leaving from Khand-prapat. (Jambudveep pra.-1)
६७. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महाणदीए उभतो कूले अट्ठ वक्खारपब्बया पण्णत्ता, तं जहा-चित्तकूडे, पम्हकूडे, णलिणकूडे, एगसेले, तिकूडे, वेसमणकूडे, # अंजणे, मायंजणे। ६८. जंबुद्वीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमेणं सीतोयाए महाणदीए उभतो है
कूले अट्ठ वक्खारपव्वता पण्णत्ता, तं जहा-अंकावती, पम्हावती, आसीविसे, सुहावहे, चंदपव्वते, । सूरपव्वते, णागपब्बते, देवपव्वते।
६७. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के दोनों कूलों पर आठ में वक्षस्कारपर्वत हैं, जैसे-(१) चित्रकूट, (२) पक्ष्मकूट, (३) नलिनकूट, (४) एकशैल, (५) त्रिकूट, । (६) वैश्रमणकूट, (७) अंजनकूट, (८) मातांजनकूट। ६८. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम है
में शीतोदा महानदी के दोनों कूलों पर आठ वक्षस्कारपर्वत हैं, जैसे-(१) अंकावती, (२) पक्ष्मावती, , (३) आशीविष, (४) सुखावह, (५) चन्द्रपर्वत, (६) सूरपर्वत, (७) नागपर्वत, (८) देवपर्वत। i 67. In Jambu Dveep in the eastern part of Mandar mountain there are
eight Vakshaskar mountains on the two banks of great river Sita(1) Chitrakoot, (2) Padmakoot, (3) Nalinakoot, (4) Ekashaila, (5) Trikoot, (6) Vaishraman-koot, (7) Anjan-koot and (8) Matanjan-koot.68. In Jambu
Dveep in the western part of Mandar mountain there are eight i Vakshaskar mountains on the two banks of great river i (1) Ankavati, (2) Pakshmavati, (3) Ashivish, (4) Sukhavah, (5) Chandraparvat, (6) Suryaparvat, (7) Naag-parvat and (8) Devaparvat. विजय-पद VIJAYA-PAD (SEGMENT OF VIJAYA)
६९. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं सीताए महाणदीए उत्तरे णं अट्ठ चक्कवट्टिविजया पण्णत्ता, तं जहा-कच्छे, सुकच्छे, महाकच्छे, कच्छगावती, आवत्ते, (मंगलावत्ते, पुक्खले), पुक्खलावती। ७०. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं सीताए महाणदीए दाहिणे णं अट्ठ चक्कपट्टिविजया पण्णत्ता, तं जहा-वच्छे, सुवच्छे, (महावच्छे, वच्छगावती, रम्मे, रम्मगे, रमणिज्जे), मंगलावती।
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अष्टम स्थान
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Eighth Sthaan
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