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करेज्जा। (४) आयरिय-उवज्झाए अंतो उवस्सयस्स एगरातं वा दुरातं वा एगगो वसमाणे 5
णातिक्कमति। (५) आयरिय-उवज्झाए बाहिं उवस्सयस्स एगरातं वा दुरातं वा [ एगओ ? ] 9 वसमाणे णातिक्कमति। (६) उवकरणातिसेसे। (७) भत्तपाणातिसेसे।
८१. आचार्य और उपाध्याय के गण में सात अतिशय (विशेष विधि) होते हैं
(१) आचार्य और उपाध्याय उपाश्रय के भीतर (बाहर से आने पर) दोनों पैरों की धूलि को झाड़ते हुए, प्रमार्जित करते हुए आज्ञा का अतिक्रमण नहीं करते हैं। (२) आचार्य और उपाध्याय उपाश्रय के 卐 भीतर उच्चार-प्रस्रवण का व्यत्सर्ग और विशोधन करते हए आज्ञा का अतिक्रमण नहीं करते। म (३) आचार्य और उपाध्याय स्वतन्त्र हैं, यदि इच्छा हो तो दूसरे साधु की वैयावृत्त्य करें, यदि इच्छा न
हो तो न करें। (४) आचार्य और उपाध्याय उपाश्रय के भीतर एक रात या दो रात अकेले रहते हुए . म आज्ञा का अतिक्रमण नहीं करते। (५) आचार्य और उपाध्याय उपाश्रय के बाहर एक रात या दो रात + अकेले रहते हुए आज्ञा का अतिक्रमण नहीं करते। (पंचम स्थान में इनका वर्णन आ गया है)। 9 (६) उपकरण की विशेषता-आचार्य और उपाध्याय अन्य साधुओं की अपेक्षा उज्ज्वल वस्त्रपात्रादि रख फ़ सकते हैं। (७) भक्त-पान-विशेषता-स्वास्थ्य और संयम की रक्षा के अनुकूल आगमानुकूल विशिष्ट खान-पान कर सकते हैं।
81. In a gana (group of ascetics) acharya and upadhyaya have seven atishesh (special privileges)
(1) Acharya and upadhyaya do not defy the word of Bhagavan if they 45 carefully dust their feet while entering an upashraya (place of stay).
(2) Acharya and upadhyaya do not defy the word of Bhagavan if they pass their stool and urine or cleanse themselves within the upashraya. Si (3) Acharya and upadhyaya are free of the responsibility of serving other ascetics; they may do so or not as they desire. (4) Acharya and upadhyaya do not defy the word of Bhagavan if they live alone in the
upashraya for one or two nights. (5) Acharya and upadhyaya do not defy 4 the word of Bhagavan if they live alone outside the upashraya for one or
two nights. (these have been explained in Sthaan-5) (6) Upakaranvisheshata-Acharya and upadhyaya can keep cleaner and brighter garbs and equipment. (7) Bhaktapaan-visheshata-Acharya and upadhyaya can have special food and drinks as prescribed in Agams for reasons of health and ascetic-discipline.
संयम-असंयम-पद SAMYAM-ASAMYAM-PAD
(SEGMENT OF DISCIPLINE AND INDISCIPLINE) ८२. सत्तविधे संजमे पण्णत्ते, तं जहा-पुढविकाइयसंजमे, [ आउकाइयसंजमे, तेउकाइयसंजमे, ॐ वाउकाइयसंजमे, वणस्सइकाइयसंजमे ], तसकाइयसंजमे, अजीवकाइयसंजमे। ८३. सत्तविधे
Sthaananga Sutra (2)
| स्थानांगसूत्र (२)
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