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७३. ज्योतिषराज, ज्योतिषेन्द्र चन्द्र के पूर्वभाग में, समक्षेत्री और तीस मुहूर्त तक चन्द्र के साथ
卐 योग करने वाले छह नक्षत्र हैं - (१) पूर्वभाद्रपद, (२) कृत्तिका, (३) मघा, (४) पूर्वफाल्गुनी, (५) मूल,
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5 (६) पूर्वाषाढा । ७४. ज्योतिष्कराज, ज्योतिष्केन्द्र चन्द्र के अपार्धक्षेत्र में रहने वाले [मात्र रात्रि भाग में
रहने वाले ] पन्द्रह मुहूर्त तक योग करने वाले छह नक्षत्र हैं - ( १ ) शतभिषक्, (२) भरणी, (३) आर्द्रा, (४) आश्लेषा, (५) स्वाति, (६) ज्येष्ठा ।
73. To the east of Jyotishendra Chandra, the king of celestial gods,
there are six constellations in the same segment of space (covered by
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5 moon – ( 1 ) Purva Bhadrapad (Alpha Pegasi; the 26th), (2) Krittika (Eta
moon) and associating for thirty Muhurts (day and night) with the
th Tauri or Pleiades; the 3rd ), ( 3 ) Magha ( Regulus; the 10th), (4) Purva
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Phalguni (Delta Leonis; the 11th), (5) Mula (Lambda Scorpii; the 19th)
5 (Arcturus; the 15th) and ( 6 ) Jyeshtha (Antares; the 18th).
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and (6) Purva Ashadha (Delta Sagittarii; the 20th). 74. There are six constellations in half the segment of space (covered by moon) and associating for fifteen Muhurts (night) with the moon – ( 1 ) Shat Bhishag (Lambda Aquarii; the 25th), (2) Bharani (35 Arietis; the 2nd), (3) Ardra
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फ (Alpha Orionis; the 6th ), (4) Ashlesha (Alpha Hydrae; the 9th), (5) Swati 5
७५. चंदस्स णं जोइसिंदस्स जोतिसरण्णो छ णक्खत्ता, उभयभागा दिवखेत्ता पणयालीसमुहुत्ता
पण्णत्ता,
तं जहा - रोहिणी, पुणव्वसू, उत्तराफग्गुणी, विसाहा, उत्तरासाढा, उत्तराभद्दवया ।
७५. ज्योतिष्कराज, ज्योतिष्केन्द्र चन्द्र के उभययोगी- दोनों भाग वाले द्वयर्ध क्षेत्र में (9, 2 क्षेत्र)
वाले और पैंतालीस मुहूर्त तक भोग करने वाले छह नक्षत्र हैं - ( 9 )
(३) उत्तरफाल्गुनी, (४) विशाखा, (५) उत्तराषाढा, (६) उत्तराभाद्रपद ।
75. There are six constellations in both the said segments of space (one and a half) and associating for forty five Muhurts with the moon5 (1) Rohini (Aldebaran; the 4th), (2) Punarvasu (Beta Geminorum ; the 7th), (3) Uttara Phalguni (Beta Leonis; the 12th ), (4) Vishakha (Alpha Librae; the 16th), (5) Uttara Ashadha (Sigma Sagittarii; the 21st) and फ (6) Uttara Bhadrapad ( Gama Pegasi; the 27th).
इतिहास - पद ITIHAS-PAD (SEGMENT OF HISTORY)
७६. अभिचंदे णं कुलकरे छ धणुसयाई उट्टं उच्चत्तेणं हुत्था । ७७. भरहे णं राया चाउरंतचक्कवट्टी छ पुव्वसतसहस्साई महाराया हुत्था । ७८. पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणियस्स छ सता वादीणं सदेवमणुयासुराए परिसाए अपराजियाणं संपया होत्था । ७९. वासुपुज्जे णं अरहा
स्थानांगसूत्र (२)
रोहिणी, (२) पुनर्वसु,
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Sthaananga Sutra (2)
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