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कालचक्र-पद KAAL-CHAKRA-PAD (SEGMENT OF CYCLE OF TIME)
२३. छबिहा ओसप्पिणी पण्णत्ता, तं जहा-सुसम-सुसमा, [सुसमा, सुसम-दूसमा, के दूसम-सुसमा, दूसमा ], दूसम-दूसमा। २४. छबिहा उस्सप्पिणी पण्णत्ता, तं जहा-दुस्समदुस्समा, दुस्समा, [ दुस्सम-सुसमा, सुसम-दुस्समा, सुसमा] सुसम-सुसमा।
२३. अवसर्पिणी काल छह प्रकार का हैं-(१) सुषम-सुषमा, (२) सुषमा, (३) सुषम-दुःषमा, , (४) दुःषम-सुषमा, (५) दुःषमा, (६) दुःषम-दुःषमा। २४. उत्सर्पिणी काल छह प्रकार का हैं-(१) दुःषमॐ दुःषमा, (२) दुःषमा, (३) दुःषम-सुषमा, (४) सुषम-दुःषमा, (५) सुषमा, (६) सुषम-सुषमा।
23. Avasarpini (regressive half-cycle of time) is of six kinds(1) Sukham-sukhama (epoch of extreme happiness), (2) Sukhama (epoch of happiness), (3) Sukham-dukhama (epoch of more happiness than sorrow), (4) Dukham-sukhama (epoch of more sorrow than happiness), (5) Dukhama (epoch of sorrow) and (6) Dukham-dukhama (epoch of extreme sorrow). 24. Utsarpini (progressive half-cycle of time) is of six kinds—(1) Dukham-dukhama (epoch of extreme sorrow), (2) Dukhama (epoch of sorrow), (3) Dukham-sukhama (epoch of more sorrow than happiness), (4) Sukham-dukhama (epoch of more happiness than sorrow), (5) Sukham (epoch of happiness) and (6) Sukham-sukhama (epoch of extreme happiness).
२५. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसम-सुसमाए समाए मणुया छ धणुसहस्साइं उडमुच्चत्तेणं हुत्था, छच्च अद्धपलिओवमाई परमाउं पालयित्था। २६. जंबुद्दीवे दीवे . 9 भरहेरवएसु वासेसु इमीसे ओसप्पिणीए सुसम-सुसमाए समाए [ मणुया छ धणुसहस्साई है उड्डमुच्चत्तेणं पण्णत्ता, छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालयित्था।] २७. जंबुद्दीवे दीवे भरेहरवएसु + वासेसु आगमेस्साए उस्सप्पिणीए सुसम-सुसमाए समाए [ मणुया छ धणुसहस्साई उडमुच्चत्तेणं भविस्संति ], छच्च अद्धपलिओवमाइं परमाउं पालइस्संति।
२५. जम्बद्वीप नामक द्वीप में भरत-ऐरवत क्षेत्र की अतीत उत्सर्पिणी के सुषम-सुषमा काल में 5 मनुष्यों की ऊँचाई छह हजार धनुष की थी और उनकी उत्कृष्ट आयु छह अर्ध पल्योपम अर्थात् तीन ॐ पल्योपम की थी। २६. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत-ऐरवत क्षेत्र की वर्तमान अवसर्पिणी के के
सुषम-सुषमा काल में मनुष्यों की ऊँचाई छह हजार धनुष की थी और उनकी छह अर्धपल्योपम की
उत्कृष्ट आयु थी। २७. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में भरत-ऐरवत क्षेत्र की आगामी उत्सर्पिणी के 卐 सुषम-सुषमा काल में मनुष्यों की ऊँचाई छह हजार धनुष होगी और वे छह अर्धपल्योपम के (तीन पल्योपम) उत्कृष्ट आय का पालन करेंगे।
25. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas the height of humans of Sukham-sukhama ara (epoch of extreme happiness) of the
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षष्ठ स्थान
(231)
Sixth Sthaan
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