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चित्र परिचय ७ ।
Illustration No. 7 इन्द्र की पाँच सभाएँ (१) सुधर्मा सभा-यहाँ इन्द्र का दरबार लगता है और राज्य-व्यवस्था सम्बन्धी चर्या होती है।
(२) उपपात सभा-यहाँ पर इन्द्र, देव-देवियाँ आदि फूलों की शय्या पर उत्पन्न होते हैं। उत्पन्न होने पर अप्सराएँ उन्हें पूछती हैं-"आपने पूर्व जन्म में क्या कैसा पुण्य कर्म किया था ?"
(३) अभिषेक सभा-यहाँ देवगण इन्द्र का राज्याभिषेक करते हैं।
(४) अलंकारिक सभा-यहाँ आकर इन्द्र देव विभिन्न प्रकार के आभूषण आदि धारण करते हैं।
(५) व्यवसाय सभा-यहाँ आकर इन्द्र राजनीति, धर्मनीति सम्बन्धी ग्रन्थों का अवलोकन करते हैं तथा प्रमुख देवों से नीति सम्बन्धी चर्चा करते हैं। (सभी इन्द्र-स्थानों में पाँच प्रकार की सभाएँ होती हैं।
-स्थान ५, उ. ३, सूत्र २३५
FIVE ASSEMBLY HALLS OF INDRAS (1) Sudharma sabha--this is the court of Indra and is used to discuss state administration.
(2) Upapata sabha-hall of birth of gods and goddesses. After birth Apsaras (goddesses) ask them about their pious deeds in the past birth.
(3) Abhishek sabha-Indra's coronation hall where gods anoint him.
(4) Alankarik sabha-adornment hall where Indra adorns his body with a variety of ornaments etc.
(5) Vyavasaya sabha-study and deliberation hall where Indra studies various books and discusses policy matters with prominent gods. All abodes of Indras have five assembly halls.
-Sthaan 5, Lesson 3, Sutra 235
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