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म कराते हैं, किन्तु प्रव्रज्या नहीं देते; (३) कोई आचार्य दीक्षा देते हैं और उपस्थापना भी कराते हैं; और
(४) कोई आचार्य उक्त दोनों ही कार्य नहीं करते, किन्तु धर्म के प्रतिबोधक धर्माचार्य होते हैं। $ 422. Acharya (preceptors) are of four kinds—(1) some acharya
is pravraajanacharya (one who performs initiation) but not upasthapanacharya (one who conducts formal acceptance of great vows by an ascetic), (2) some acharya is upasthapanacharya but not pravraajanacharya, (3) some acharya is pravraajanacharya as well as upasthapanacharya, and (4) some acharya is neither pravraajanacharya nor upasthapanacharya but a dharmacharya or religious preceptor.
४२३. चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तं जहा-उद्देसणायरिए णाममेगे णो वायणायरिए, जवायणायरिए णाममेगे णो उद्देसणायरिए, एगे उद्देसणायरिएवि वायणायरिएवि, एगे णो उद्देसणायरिए णो वायणायरिए-धम्मायरिए।
४२३. आचार्य चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई आचार्य शिष्यों को अंगसूत्र पढ़ने का आदेश देने + वाले होते हैं, किन्तु स्वयंवाचना देने वाले नहीं होते; (२) कोई वाचनाचार्य होते हैं, किन्तु उद्देशनाचार्य फ़ नहीं होते; (३) कोई उद्देशनाचार्य और वाचनाचार्य दोनों होते हैं; तथा (४) कोई न उद्देशनाचार्य और न ॐ वाचनाचार्य होते हैं, किन्तु धर्म का प्रतिबोध देने वाले होते हैं।
423. Acharya (preceptors) are of four kinds—(1) some acharya is uddeshanacharya (one who instructs disciples to study Anga Sutras) but \i not vachanacharya (one who recites Anga Sutras to disciples), (2) some
acharya is vachanacharya but not uddeshanacharya, (3) some acharya is
uddeshanacharya as well as vachanacharya, and (4) some acharya is 4 neither uddeshanacharya nor vachanacharya but a dharmacharya or 4i religious preceptor.
विवेचन-उद्देशनाचार्य-जो अध्ययन के विषय में शिष्यों का मार्गदर्शन करते हैं तथा अंगसूत्रों के म अध्ययन के योग्य बनाते हैं। वाचनाचार्य-शास्त्र की वाचना देने वाले। धर्माचार्य-धर्म का उपदेश या धर्म
की दीक्षा देने वाले, साधु या गृहस्थ-धर्माचार्य कोई भी हो सकते हैं। 4. Elaboration—Uddeshanacharya-one who instructs and guides
disciples to study Anga Sutras making them capable of studying the same. Vachanacharya-one who recites Anga Sutras and other scriptures to disciples. Dharmacharya-one who preaches religion or initiates one into a religious group. An ascetic and a householder both can be dharmacharya.
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स्थानांगसूत्र (१)
(226)
Sthaananga Sutra (1) 55555555555555555555555555555555
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