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55555555555555555555555555555555555555 卐 युक्त-अयुक्त-गज-पद YUKTA-AYUKTA-GANA-PAD
(SEGMENT OF EQUIPPED AND NON-EQUIPPED ELEPHANT) र ३८४. [चत्तारि गया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते ॐ णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते। ॐ एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्ते, जुत्ते णाममेगे अजुत्ते, अजुत्ते
। णाममेगे जुत्ते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्ते ]। # ३८५. [ चत्तारि गया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे
अजुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते। है एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, जुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे जुत्तपरिणते, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तपरिणते ।
३८६. [चत्तारि गया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे, , अजुत्ते णाममेगे जुत्तरूवे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तरूवे ]। म ३८७. [चत्तारि गया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, * अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे।
____एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, जुत्ते णाममेगे ॐ अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे]।
३८४. हाथी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई हाथी अम्बाड़ी से युक्त होता है और धीरता ॐ आदि गुणों से भी युक्त होता है, (२) कोई युक्त होकर भी अयुक्त, (३) कोई अयुक्त होकर युक्त, और
(४) कोई अयुक्त होकर अयुक्त होता है। ॐ इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष वस्त्राभूषण आदि से युक्त होता है और + गुणयुक्त भी होता है, (२) कोई युक्त होकर अयुक्त, (३) कोई अयुक्त होकर युक्त, और (४) कोई + अयुक्त होकर अयुक्त होता है।
३८५. हाथी चार प्रकार के होते हैं। जैसे-(१) कोई हाथी अम्बाड़ी आदि से युक्त और युक्त-परिणत (युद्ध कला में निष्णात) होता है, (२) कोई युक्त होकर अयुक्त-परिणत, (३) कोई अयुक्त होकर युक्त-परिणत, और (४) कोई अयुक्त होकर अयुक्त-परिणत होता है।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष संयम से युक्त और युक्त-परिणत (क्षमाशील, विवेकवान) होता है, (२) कोई युक्त होकर अयुक्त-परिणत, (३) कोई अयुक्त होकर युक्त-परिणत, और (४) कोई अयुक्त होकर अयुक्त-परिणत होता है।
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चतुर्थ स्थान
(509)
Fourth Sthaan
5
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