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३७३. यान चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई यान बैल आदि से युक्त और युक्त रूप (सुन्दर रूप) * वाला होता है; (२) कोई बैल आदि से युक्त, किन्तु अयुक्त रूप वाला (जीर्णशीर्ण); (३) कोई बैल आदि
से अयुक्त, किन्तु युक्त रूप वाला; और [(४) कोई न बैल आदि से युक्त और न युक्त रूप वाला 卐 होता है।
इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष धन व गुणों से युक्त और रूप व वेश फ़ आदि से भी युक्त; [(२) कोई गुणादि से युक्त, किन्तु रूप से युक्त नहीं; (३) कोई गुणों से युक्त नहीं, किन्तु रूप से युक्त; और (४) कोई न गुणों से ही युक्त और न रूप से ही युक्त होता है।
373. Yaan (vehicle or cart) is of four kinds-(1) some cart is with (yukta) bullocks etc. harnessed to it and also beautiful in appearance 9 (yukta rupa), (2) some cart is with (yukta) bullocks etc. harnessed to it __but not beautiful in appearance (ayukta rupa), (3) some cart is not with
(ayukta) bullocks etc. harnessed to it but still beautiful in appearance ॐ (yukta rupa), and [(4) some cart is neither with (ayukta) bullocks etc.
harnessed to it nor beautiful in appearance (ayukta rupa)]. __In the same way purush (men) are of four kinds (1) some man is endowed with (yukta) wealth and other qualities and also beautiful in appearance (yukta rupa), [(2) some man is endowed with (yukta) wealth
and other qualities but not beautiful in appearance (ayukta rupa), 卐 (3) some man is not endowed with (ayukta) wealth and other qualities
but still beautiful in appearance (yukta rupa), and (4) some man is i neither endowed with (ayukta) wealth and other qualities nor
in appearance (ayukta rupa)].. म ३७४. चत्तारि जाणा पण्णत्ता, तं जहा--जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, [ जुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे, * अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे ॥
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-जुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, [जुत्ते णाममेगे ॐ अजुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे जुत्तसोभे, अजुत्ते णाममेगे अजुत्तसोभे]।
३७४. यान चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई यान बैल आदि से युक्त और वस्त्राभरणादि की शोभा से ॐ भी युक्त होता है; [(२) कोई बैल आदि से तो युक्त, किन्तु शोभा से युक्त नहीं; (३) कोई बैल आदि से युक्त
नहीं, किन्तु शोभा से युक्त; और (४) कोई न बैलादि से युक्त और न शोभा से ही युक्त होता है। ॐ पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष ज्ञानादि सद्गुणों से युक्त और उचित वेश आदि म की शोभा से भी युक्त होता है; [(२) कोई गुणों से युक्त, किन्तु शोभा से युक्त नहीं; (३) कोई गुणों से
तो युक्त नहीं, किन्तु शोभा से युक्त; और (४) कोई न गुणों से युक्त और न शोभा से ही युक्त होता है]। 41 374. Yaan (vehicle or cart) is of four kinds—(1) some cart is with 46
(yukta) bullocks etc. harnessed to it and also endowed with grandeur
| चतुर्थ स्थान
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Fourth Sthaan
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