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302. Sarva (all) is of four kinds-(1) Naam sarva (sarva as name)-in context of name attribution, that which is named sarva. (2) Sthapana sarva-In context of notional installation, that in which sarva (all) is installed. (3) Adesh sarva-to state sarva (all) by considering the larger portion and ignoring the smaller portion. For example when a larger portion of the population of a village leaves and only a few are left, it is said that whole village has gone. (4) Niravashes sarva-to state sarva (all) to cover all and leaving none. For example to state ‘All gods are nonblinking.' Here sarva genuinely covers all, because there is not a single god that blinks.
ॐ कूट-पद KOOT-PAD (SEGMENT OF PEAKS)
३०३. माणुसुत्तरस्स णं पव्वयस्स चउदिसिं कूडा पण्णत्ता, तं जहा-रयणे, रत्तणुच्चए का सबरयणे, रतणसंचए।
३०३. मानुषोत्तर पर्वत की चारों दिशाओं में चार कूट हैं-(१) रत्नकूट-दक्षिण-पूर्व आग्नेय दिशा म में। (२) रत्लोच्चयकूट-दक्षिण-पश्चिम नैऋत्य दिशा में। (३) सर्वरत्नकूट-पूर्व-उत्तर ईशान दिशा में। (४) रत्नसंचयकूट-पश्चिम-उत्तर वायव्य दिशा में।
303. In four directions of Manushottar mountain there are four koots (peaks)-(1) Ratna koot in the Agneya (south-east) direction, (2) Ratnochchaya koot in the Nairitya (south-west) direction, (3) Sarvaratna koot in the Ishaan (north-east) direction, and
(4) Ratnasanchaya koot in the Vayavya (north-west) direction. + कालचक्र-पद KAAL CHAKRA-PAD (SEGMENT OF CYCLE OF TIME)
३०४. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो हुत्था। ३०५. जंबुद्दीचे दीवे भरहेरवतेसु वासेसु इमीसे ओसप्पिणीए ॐ सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो पण्णत्तो। ३०६. जंबुद्दीवे दीवे
भरहेरवतेसु वासेसु आगमेस्साए उस्सप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो भविस्सइ।
३०४. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्रों में अतीत उत्सर्पिणी के 'सुषम-सुषमा' नामक + आरे का काल-प्रमाण चार कोडाकोडी सागरोपम था। ३०५. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्रों
में इस अवसर्पिणी के 'सुषम-सुषमा' नामक आरे का काल-प्रमाण चार कोडाकोडी सागरोपम था। ॐ ३०६. जम्बूद्वीप नामक द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्रों में आगामी उत्सर्पिणी के 'सुषम-सुषमा' + नामक आरे का काल-प्रमाण चार कोडाकोडी सागरोपम होगा।
चतुर्थ स्थान
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Fourth Sthaan
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