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ॐ २२९. वृषभ (बैल) चार प्रकार के होते हैं-(१) (१) जाति (मातृपक्ष) सम्पन्न, (२) कुल । + (पितृवंश) सम्पन्न, (३) बलसम्पन्न, (४) रूपसम्पन्न। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं
जातिसम्पन्न, कुलसम्पन्न, बलसम्पन्न, रूपसम्पन्न (अगले सूत्रों में इनके विभिन्न अंग कहे हैं)। __२३०. वृषभ चार प्रकार के होते हैं-(२) (१) कोई बैल जाति से सम्पन्न, किन्तु कुल से सम्पन्न
नहीं होता; (२) कोई कुलसम्पन्न होता है, किन्तु जाति से नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी होता है और ॐ कुल भी; और (४) कोई न जातिसम्पन्न और न ही कुलसम्पन्न होता है। + पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जातिसम्पन्न होता है, किन्तु कुलसम्पन्न नहीं होता; ॐ (२) कोई कुलसम्पन्न होता है, किन्तु जातिसम्पन्न नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी होता है और कुलसम्पन्न म भी; और (४) कोई न जातिसम्पन्न होता है और न ही कुलसम्पन्न होता है। * २३१. वृषभ चार प्रकार के होते हैं-(३) (१) कोई सांड जातिसम्पन्न होता है, किन्तु बलसम्पन्न म नहीं; (२) कोई बलसम्पन्न होता है, किन्तु जातिसम्पन्न नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी होता है और
बलसम्पन्न भी; और (४) कोई न जातिसम्पन्न और न बलसम्पन्न होता है। ___पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जातिसम्पन्न, किन्तु बलसम्पन्न नहीं होता; + (२) कोई बलसम्पन्न, किन्तु जातिसम्पन्न नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी और बलसम्पन्न भी; और (४) कोई न जातिसम्पन्न और न बलसम्पन्न होता है।
२२२. वृषभ चार प्रकार के होते हैं-(४) (१) कोई बैल जातिसम्पन्न होता है, किन्तु रूपसम्पन्न नहीं होता; (२) कोई रूपसम्पन्न होता है, किन्तु जातिसम्पन्न नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी और रूपसम्पन्न ॐ भी; और (४) कोई न जातिसम्पन्न और न रूपसम्पन्न ही होता है।
पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई जातिसम्पन्न होता है, किन्तु रूपसम्पन्न नहीं होता; 9 (२) कोई रूपसम्पन्न होता है, किन्तु जातिसम्पन्न नहीं; (३) कोई जातिसम्पन्न भी और रूपसम्पन्न भी; 卐 और (४) कोई न जातिसम्पन्न होता है और न रूपसम्पन्न।
229. Vrishabh (bull) are of four kinds—(i) (1) jati sampanna (of good maternal lineage), (2) kula sampanna (of good paternal lineage), (3) bal sampanna (endowed with physical strength; strong), and (4) rupa sampanna (endowed with good appearance; beautiful). Similarly men 卐 are also of four types (various alternatives of these are given in the following aphorisms).
230. Vrishabh (bull) are of four kinds—(ii) (1) Some bull is jati sampanna (of good maternal lineage) and not kula sampanna (of good 4 paternal lineage). (2) Some bullis kula sampanna and not jati sampanna. (3) Some bull is both jati sampanna and kula sampanna. (4) Some bull is neither jati sampanna nor kula sampanna.
Purush (men) are also of four kinds—(1) Some man is jati sampanna (of good maternal lineage) and not kula sampanna (of good paternal
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स्थानांगसूत्र (१)
(414)
Sthaananga Sutra (1)
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