________________
אתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתת 255555555555
फफफफफफफफफफफ
दृष्टि - पद DRISHTI-PAD (SEGMENT OF PERCEPTION/FAITH)
२५४. तिविधा णेरइया पण्णत्ता, तं जहा - सम्मादिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, सम्मामिच्छादिट्ठी । 5 २५५. एवं विगलिंदियवज्जं जाव वेमाणियाणं ।
卐
254. Naaraki jivas are of three kinds-(1) samyagdrishti (with right perception / faith ), ( 2 ) mithyadrishti (with wrong perception/faith), and (3) samyagmithyadrishti (with right-wrong or mixed perception/faith). 255. In the same way excluding vikalendriyas (two to four sensed beings) fi all beings belonging to all dandaks (places of suffering) should be read as of these three kinds.
२५४. नारकी जीव तीन प्रकार के हैं - ( १ ) सम्यग्दृष्टि, (२) मिध्यादृष्टि, और (३) सम्यग्मिथ्या 5 (मिश्र) दृष्टि । २५५. इसी प्रकार विकलेन्द्रियों को छोड़कर सभी दण्डकों में तीनों प्रकार की दृष्टि वाले जीव जानना चाहिए।
दुर्गति - सुगति-पद DURGATI SUGATI-PAD
(SEGMENT OF GOOD AND BAD REALMS OF BIRTH)
२५६. तओ दुग्गतीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - णेरइयदुग्गती, तिरिक्खजोणियदुग्गती, मणुदुग्गी ।
२५७. तओ सुगतीओ पण्णत्ताओ, तं जहा- सिद्धसोगती, देवसोगती, मणुस्ससोगती ।
२५६. तीन दुर्गतियाँ हैं - (१) नरकदुर्गति, (२) तिर्यग्योनिकदुर्गति, और (३) मनुजदुर्गति ( दीनही दुःखी अवस्था प्राप्त मनुष्यों की अपेक्षा से) ।
२५७. तीन सुगतियाँ हैं - (१) सिद्धसुगति, (२) देवसुगति और (३) मनुष्यसुगति (सुखी जीवन की अपेक्षा ।)
256. There are three durgatis (bad realms of birth ) - ( 1 ) narak. durgati (bad realm of hell), (2) tiryagyonik durgati (bad realm of animals), and (3) manuj durgati (bad realm of humans, in context of destitutes and f miserable people )
257. There are three sugatis (good realms of birth)-(1) Siddha sugati (good realm of the liberated), (2) dev sugati (good realm of divine beings), 5 and (3) manuj sugati (good realm of humans, in context of happy people). २५८. तओ दुग्गता पण्णत्ता, तं जहा - णेरइयदुग्गता, तिरिक्खजोणियदुग्गता, मणुस्सदुग्गता । २५९. तओ सुगता पण्णत्ता, तं जहा- सिद्धसुगता, देवसुग्गता, मणुस्ससुग्गता ।
तृतीय स्थान
फ़फ़
Jain Education International
25 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 555 5555955 5955 5 5 5 55 5 5 5 55 55 5 55 5952
(259)
फ्र
For Private & Personal Use Only
Third Sthaan
२५८. दुर्गत ( दुर्गति को प्राप्त जीव) तीन प्रकार के हैं - (१) नैरयिकदुर्गत, (२) तिर्यग्योनिकदुर्गत, 5 और (३) मनुष्यदुर्गत।
卐
卐
卐
卐
5
卐
卐
卐
www.jainelibrary.org