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5 पभंकराओ, दो अंकावईओ, दो पम्हावईओ, दो सुभाओ, दो रयणसंचयाओ, दो आसपुराओ, दो
सीहपुराओ, दो महापुराओ, दो विजयपुराओ, दो अवराजिताओ, दो अवराओ, दो असोयाओ, दो विगयसोगाओ, दो विजयाओ, दो वेजयंतीओ, दो जयंतीओ, दो अपराजियाओ, दो चक्कपुराओ, दो खगपुराओ, दो अवज्झाओ, दो अउज्झाओ।
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३४१. उपर्यक्त बत्तीस विजयक्षेत्र में (१) क्षमा, (२) क्षेमपुरी, (३) रिष्टा, (४) रिटपुरी, (५) खड्गी, (६) मंजूषा, (७) औषधी, (८) पौण्डरीकिणी, (९) सुसीमा, (१०) कुण्डला, (११) अपराजिता, (१२) प्रभंकरा, (१३) अंकावती, (१४) पक्ष्मावती, (१५) शुभा, (१६) रत्नसंचया, (१७) अश्वपुरी, (१८) सिंहपुरी, (१९) महापुरी, (२०) विजयपुरी, (२१) अपराजिता, (२२) अपरा, (२३) अशोका, (२४) विगतशोका, (२५) विजया, (२६) वैजयन्ती, (२७) जयन्ती, (२८) अपराजिता, (२९) चक्रपुरी, (३०) खड्गपुरी, (३१) अवध्या, और (३२) अयोध्या विजय क्षेत्र फ्र की ये बत्तीस नगरियाँ (राजधानी) दो - दो हैं ।
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341. In the aforesaid thirty two Vijaya kshetras (state-like subdivisions) there are two each of the following capital cities(1) Kshama, (2) Kshemapuri, (3) Rishta, ( 4 ) Rishtapuri, ( 5 ) Khadgi, (6) Manjusha, (7) Aushadhi, (8) Paundarikini, (9) Susima, (10) Kundala, (11) Aparajita, ( 12 ) Prabhankara, (13) Ankavati, (14) Pakshamavati, फ ( 15 ) Shubha, ( 16 ) Ratnasanchaya, ( 17 ) Ashvapuri, ( 18 ) Simhapuri, फ्र 5 (19) Mahapuri, (20) Vijayapuri, (21) Aparajita, (22) Apara, ( 23 ) Ashoka, (24) Vigatashoka, (25) Vijaya, (26) Vaijayanti, ( 27 ) Jayanti, (28) Aparajita, 5 (29) Chakrapuri, (30) Khadgapuri, (31) Avadhya, and (32) Ayodhya.
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३४२. दो भद्दसालवणा, दो णंदणवणा, दो सोमणसवणा, दो पंडगवणाई । ३४३. दो पंडुकंबलसिलाओ, दो अतिपंडुकंबलसिलाओ, दो रक्तकंबलसिलाओ, दो अइरत्तकंबलसिलाओ । ३४२. धातकीषण्ड द्वीप में मन्दरगिरियों पर भद्रशालवन, नन्दनवन, सौमनसवन और पण्डकवन वन दो-दो हैं । ३४३. उक्त दोनों पण्डकवनों में पाण्डुकम्बल शिला, अतिपाण्डुकम्बल शिला, रक्तकम्बल शिला और अतिरक्तकम्बल शिला ये भी दो-दो क्रम से चारों दिशाओं में अवस्थित हैं।
342. In Dhatakikhand continent on Mandar mountains there are two each of the following vanas (forests) - Bhadrashalavan, Nandanavan, Saumansavan and Pandakavan. 343. In the said two. Pandakavanas there are two sets of four shilas (rocks) each in four cardinal directions. They are—Pandukambal shila, Atipandukambal shila, Raktakambal shila and Atiraktakambal shila.
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३४४. दो मंदरा, दो मंदरचूलिआओ । ३४५. धायइसंडस्स णं दीवस्स वेदिया दो गाउयाई 5 उड़मुच्चत्तेणं पण्णत्ता । ३४६. कालोदस्स णं समुद्दस्स वेइया दो गाउयाई उड्डुं उच्चत्तेणं पण्णत्ता ।
स्थानांगसूत्र (१)
Sthaananga Sutra (1)
(140)
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