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________________ B55555555555554)))))))))))))) 5555555555555555555555555555555 ॐ [उ. ] हंता, गोयमा ! जया णं जंबुद्दीवे दीवे दाहिणड्ढे वासाणं पढमे समए पडिवज्जति, तह चेव ॐ जाव पडिवज्जति। + १४. [प्र. ] भगवन् ! जब जम्बूद्वीप के दक्षिणार्द्ध में वर्षा (ऋतु) (चौमासे के मौसम) का प्रथम + समय होता है, तब क्या उत्तरार्द्ध में भी वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है ? और जब उत्तरार्द्ध में ॐ वर्षा ऋतु का प्रथम समय होता है, तब जम्बूद्वीप में मन्दर पर्वत से पूर्व-पश्चिम में वर्षा ऋतु का प्रथम + समय अनन्तर-पुरस्कृत समय में होता है ? (अर्थात् जिस समय में दक्षिणार्द्ध में वर्षा ऋतु का प्रारम्भ होता है, उसी समय के तुरन्त पश्चात् दूसरे समय में मन्दर पर्वत से पूर्व-पश्चिम में वर्षा ऋतु प्रारम्भ फ़ होती है ?) [उ.] हाँ, गौतम ! (यह इसी तरह होता है। अर्थात्-) जब जम्बूद्वीप के दक्षिणार्द्ध में वर्षा (ऋतु) म का प्रथम समय होता है, तब उत्तरार्द्ध में भी (पूर्व-पश्चिम का कथन) उसी तरह यावत् होता है। 14. [Q.] Bhante ! In the southern half of the continent named 4 Jambudveep, when it is the first Samaya of the monsoon season then in the northern half too is it the first moment of the monsoon season ? And when it is the first Samaya of the monsoon season in the northern half then in the region east and west of the Meru mountain in Jambudveep does the first Samaya of the monsoon season commence at Anantarpuraskrit Samaya (the Samaya following the first Samaya of the monsoon season in the northern half) ? (Ans.] Yes, Gautam ! (It is like that, which means-) In the southern half of the continent named Jambudveep... and so on up to... commence at Anantar-puraskrit Samaya. ज १५. [प्र. ] जया णं भंते ! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमेणं वासाणं पढमे समए पडिवज्जति तया णं पच्चत्थिमेण वि वासाणं पढमे समए पडिवज्जइ ? जया णं पच्चत्थिमेणं वासाणं पढमे 卐 समए पडिवज्जइ तया णं जाव मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरदाहिणेणं अणंतरपच्छाकडसमयंसि वासाणं पढमे समए पडिवन्ने भवति ? [उ. ] हंता, गोयमा ! जया णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमेणं एवं चेव उच्चारेयव्वं जाव पडिवन्ने भवति। १५. [प्र. ] भगवन् ! जब जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत से पूर्व में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है, तब पश्चिम में भी क्या वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है? और जब पश्चिम में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय होता है, तब यावत् मेरु पर्वत से उत्तर दक्षिण में वर्षा (ऋतु) का प्रथम समय अनन्तर-पश्चात्कृत समय में होता है ? (अर्थात् मन्दर पर्वत से पश्चिम में वर्षा ऋतु प्रारम्भ होने के प्रथम समय पहले एक के समय में वहाँ (मन्दर पर्वत के) उत्तर-दक्षिण में वर्षा प्रारम्भ हो जाती है ?) । भगवती सूत्र (२) (14) Bhagavati Sutra (2) B 5555555555555555555555 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002903
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages654
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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