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fi Uddhar Palyopam, Vyavahar Addha Palyopam, Sukshma Addha fi Palyopam, Vyavahar Kshetra Palyopam, and Sukshma Kshetra y f Palyopam. (for detailed description refer to Illustrated Anuyogadvar
Sutra, part 1) सुषमसुषमाकालीन भारतवर्ष के भाव BHARAT VARSH IN SUKHAM-SUKHAMA ARA
९. [प्र. ] जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे इमीसे ओसप्पिणीए सुसमसुसमाए समाए उत्तमट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयगारे होत्था ?
[उ. ] गोयमा ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे होत्था, से जहानामए आलिंगपुक्खरे इ वा, एवं उत्तरकुरुवत्तव्वया नेयव्वा जाव आसयंति सयंति। तीसे णं समाए भारहे वासे तत्थ तत्थ देसे देसे तहिं तहिं म बहवे उराला कुद्दाला, जाव कुसविकुस-विसुद्धरुक्खमूला जाव छबिहा मणूसा अणुसज्जित्था, तं०-१. पम्हगंधा, २. मियगंधा, ३. अममा, ४. तेयली, ५. सहा, ६. सणिंचारी। सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति०।
॥छट्टे सए : सत्तमो सालिउद्देसो समत्तो । ९. [प्र. ] भगवन् ! इस जम्बूद्वीप नामक द्वीप में उत्तमार्थ-प्राप्त (आयुष्य आदि उत्तम अवस्था । प्राप्त) इस अवसर्पिणीकाल के सुषम-सुषमा नामक आरे में भरतक्षेत्र (भारतवर्ष) के आकार (आचार-) # भाव-प्रत्यवतार (आचारों और पदार्थों के भाव-पर्याय-अवस्था) किस प्रकार के थे?
[उ. ] गौतम ! (उस समय) भूमिभाग बहुत सम होने से अत्यन्त रमणीय था। जैसे-कोई आलिंग मुरज (तबला) नामक वाद्य का चर्ममण्डित मुखपट हो, वैसा बहुत ही सम भरतक्षेत्र का भूभाग था। इस ! । प्रकार उस समय के भरतक्षेत्र के लिए उत्तरकुरु की वक्तव्यता (वर्णन) के समान कहनी चाहिए। यावत् : # बैठते हैं, सोते हैं। उस काल (अवसर्पिणी के प्रथम आरे) में भारतवर्ष में उन-उन देशों के उन-उन ।
स्थलों में उदार (प्रधान) एवं कुद्दालक यावत् कुश और विकुश से विशुद्ध वृक्षमूल थे; यावत् छह प्रकार के मनुष्य थे। यथा-(१) पद्मगन्ध वाले, (२) मृग (कस्तूरी के समान) गन्ध वाले, (३) अमम (ममत्वरहित), (४) तेजस्तली (तेजस्वी एवं रूपवान्), (५) सहा (सहनशील), और (६) शनैश्चर (उतावल व उत्सुकतारहित होने से धीरे-धीरे गजगति से चलने वाले) थे।
'हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है' यों कहकर यावत् गौतम स्वामी विचरने लगे।
॥छठा शतक : सप्तम उद्देशक समाप्त ॥ 9. [Q.] Bhante ! In this Avasarpini kaal (regressive half-cycle of time) in the noblest Sukham-sukhama Ara what were the forms (things and conduct) and appearances (modes or variety of conduct and things) that prevailed in Bharat area (Bharat-varsh or Indian sub-continent)?
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| छठा शतक : सप्तम उद्देशक
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Sixth Shatak : Seventh Lesson
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