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पंचम शतक : प्रथम उद्देशक
FIFTH SHATAK (Chapter Five): FIRST LESSON
रवि RAVI (THE SUN)
→ व्याख्याप्रज्ञप्ति - भगवती सूत्र का यह पंचम शतक है। इस शतक में सूर्य-चन्द्रमा की गति का परिमाण, उत्सर्पिणी- अवसर्पिणी काल-चक्र, छद्मस्थ एवं केवली की ज्ञान-शक्ति, क्रियावाद, परमाणु विज्ञान, आयुष्य वृद्धि-हानि कुलकर आदि कई महत्त्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला गया है । इस शतक के भी दस उद्देशक हैं ।
This is the Fifth Shatak (Fifth Chapter) of Vyakhyaprajnapti (Bhagavati Sutra). In this Chapter light has been thrown on many important topics including the measures of the movement of the sun and the moon, the progressive and regressive time cycle (UtsarpiniAvasarpini kaal-chakra), potency of spiritual knowledge (jnanashakti) of chhadmasth (one who is short of omniscience due to residual karmic bondage) and Kevali (omniscient), Kriyavaad (doctrine of endeavour), theory of ultimate particles (paramanu vijnana), increase and decrease of life-span and Kulakar (clanfounders). This chapter too has ten lessons ( uddeshaks).
पंचम शतक की संग्रहणी गाथा COLLATIVE VERSE
१. चंप रवि १ अणिल २ गंटिय ३ सद्दे ४ छउमायु ५ - ६ एयण ७ नियंठे ८ ।
रायगिहं ९ चंपा - चंदिमा १० य दस पंचमम्मि सते ॥ १ ॥
१. (गाथा का अर्थ ) - पाँचवें शतक में ये दस उद्देशक हैं- प्रथम उद्देशक में चम्पानगरी में सूर्य सम्बन्धी प्रश्नोत्तर हैं। द्वितीय उद्देशक में वायु सम्बन्धी प्ररूपणा है। तृतीय उद्देशक में जालग्रन्थी का उदाहरण देकर तथ्य का निरूपण किया है। चतुर्थ उद्देशक में शब्द सम्बन्धी प्रश्नोत्तर हैं। पंचम उद्देशक में छद्मस्थ के सम्बन्ध में एवं छठे उद्देशक में आयुष्य की वृद्धि - हानि सम्बन्धी निरूपण है। सातवें उद्देशक में पुद्गलों के एजन = कम्पन का वर्णन है। आठवें उद्देशक में निर्ग्रन्थी - पुत्र अनगार द्वारा पदार्थ-विषयक चर्चा है। नौवें उद्देशक में राजगृह नगर सम्बन्धी पर्यालोचन और दसवें उद्देशक में चम्पानगरी में वर्णित चन्द्रमा-सम्बन्धी प्ररूपणा है।
फ्रफ्र
1. The fifth chapter has following ten lessons ( uddeshaks ) – The first lesson has questions and answers about the sun in Champa city. The second lesson has information about air (vayu). The third lesson describes knots in a net as analogy. The fourth lesson has questions and
पंचम शतक प्रथम उद्देशक
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Fifth Shatak: First Lesson
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