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चित्र परिचय-३
Illustration No.3
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पुद्गल भेद के पाँच प्रकार चतुर्दश पूर्वधारी का लब्धि सामर्थ्य-चतुर्दश पूर्वधारी श्रुत केवली में लब्धिजन्य सामर्थ्य को उदाहरण देकर बताया है कि वह उत्कटिका भेद से पुद्गल द्रव्यों को भेदता हुआ, एक ही दण्ड (या घट, छत्र, रथ आदि) के हजार रूप दिखलाने में समर्थ होता है।
पुद्गलों के भेद पाँच प्रकार के होते हैं(१) खण्ड भेद-जैसे, मिट्टी के ढेले को फैंकने से उसके टुकड़े-टुकड़े हो जाना।
(२) प्रतर भेद-जैसे अभ्रक या भोजपत्र आदि की परत पर परत रहती है। उसी प्रकार पुद्गलों का समवाय प्रतर भेद हैं।
(३) चूर्णिका भेद-जिस प्रकार गेहूँ, चना आदि के दाने चक्की में पिसे जाने पर उसका बारीक चूर्ण हो जाता है। यह चूर्णिका भेद है।
(४) अनुतटिका भेद-तालाब आदि में या सूखी धरती पर दरारें पड़ जाने से जो भेद दिखाई देता हैं, वह।
(५) उत्करिकाभेद-एरण्ड की फली या मूंग फली आदि सूखने पर, अपने आप फटकर उनका बीज स्वाभाविक रूप में ऊपर उछलता है। इस प्रकार के भेद को उत्करिका भेद कहा जाता है। श्रुतकेवली का 卐 लब्धिजन्य सामर्थ्य उत्करिका भेद से भिन्न पदार्थ की तरह होता है।
-शतक ५, उ. ४, सूत्र ३३ (या ३६)
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FIVE KINDS OF BREAKING OF MATTER A Chaturdash Purvadhar acquires the special power of disintegrating infinite substances by the process of utkarika-bhed and thereby he is capable of displaying one thousand images of a single stick (or pitcher, umbrella, chariot etc.).
Breaking of matter is done five ways(1) Khand-bhed-Breaking into pieces when a lump of sand is thrown.
(2) Pratar-bhed-Breaking into layers, as it happens with mica or palm leaves.
(3) Churnika-bhed-Crushing or grinding into powder form as it happens when grains like wheat and sesame are ground.
(4) Anutatika-bhed-Splitting into cracks as it happens when moist earth 4i dries up.
(5) Utkarika-bhed-Natural disintegration from one to many as it happens when an Erand or other seed splits. The special power of a Shrut Kevali is like 4 disintegrating infinite substances by the process of utkarika-bhed.
-Shatake 5, lesson-4, Sutra- 36 [2]
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