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[उ. ] गौतम ! देवेन्द्र देवराज शक्र का ऊपर जाने का काल सबसे थोड़ा है और नीचे जाने का काल उससे संख्येयगुणा अधिक है।
३८. चमरेन्द्र का गमन-विषयक कथन भी शक्रेन्द्र के समान ही जानना चाहिए; किन्तु इतनी विशेषता है कि चमरेन्द्र का नीचे जाने का काल सबसे थोड़ा है, ऊपर जाने का काल उससे संख्येयगुणा अधिक है।
३९. [प्र. ] वज्र (के गमन-विषय में) पृच्छा की (तो भगवान ने कहा-)
[उ. ] गौतम ! वज्र का ऊपर जाने का काल सबसे थोड़ा है, नीचे जाने का काल उससे विशेषाधिक है।
37.[Q.] Bhante ! Of the time taken in downward movement (avapatan kaal) and upward movement (utpatan kaal) by Shakrendra, the overlord of gods, which one is less, which one is more, which one is equal and which one is much more (more than double) ?
(Ans.) Gautam ! For Shakrendra, the overlord of gods, the time taken in upward movement is minimum and that taken in downward movement is countable times more than that.
38. The statement about time taken by Chamarendra, the overlord (Indra) of Asurs, in moving is same as Shakrendra. The difference being that in case of Chamarendra the time taken in downward movement is minimum and that taken in upward movement is countable times more than that.
39. [Q.] Then Gautam asked about movement of Vajra.
[Ans.] Gautam ! In case of Vajra the time taken in upward movement is minimum and that taken in downward movement is much more than that.
४०. [प्र.] एयस्स णं भंते ! वज्जस्स, वज्जाहिवइस्स, चमरस्स य असुरिंदस्स असुररण्णो ओवयणकालस्स य उप्पयणकालस्स य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुआ वा, तुल्ला वा, विसेसाहिया वा ?
[उ. ] गोयमा ! सक्कस्स य उप्पयणकाले चमरस्स य ओवयणकाले, एए णं दोण्णि वि तुल्ला सबत्थोवा। सक्कस्स य ओवयणकाले वज्जस्स य उप्पयणकाले, एस णं दोण्ह वि तुल्ले संखेज्जगुणे। चमरस्स य उप्पयणकाले वज्जस्स य ओवयणकाले, एस णं दोण्ण वि तुल्ले विसेसाहिए।
४०. [प्र. ] भगवन् ! यह वज्र, वज्राधिपति–इन्द्र और असुरेन्द्र असुरराज चमर, इन सबका नीचे जाने का काल और ऊपर जाने का काल; इन दोनों कालों में से कौन-सा काल किससे अल्प, बहुत (अधिक), तुल्य अथवा विशेषाधिक है ?
[उ. ] गौतम ! शक्रेन्द्र का ऊपर जाने का काल और चमरेन्द्र का नीचे जाने का काल, ये दोनों तुल्य हैं और सबसे कम हैं। शक्रेन्द्र का नीचे जाने का काल और वज्र का ऊपर जाने का काल, ये दोनों
| भगवतीसूत्र (१)
(434)
Bhagavati Sutra (1)
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