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________________ एक बात आपसे भी......... सम्माननीय बन्धु,.. सादर जय जिनेन्द्र ! जैन साहित्य में संसार की श्रेष्ठ कहानियों का अक्षय भण्डार भरा है। नीति, उपदेश, वैराग्य, बुद्धिचातुर्य, वीरता, साहस, मैत्री, सरलता, क्षमाशीलता आदि विषयों पर लिखी गई हजारों सुन्दर, शिक्षाप्रद, रोचक कहानियों में से चुन-चुनकर सरल भाषा-शैली में भावपूर्ण रंगीन चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का एक छोटा-सा प्रयास हमने गत चार वर्षों से प्रारम्भ किया है। ___अब यह चित्रकथा अपने छटवें वर्ष में पदापर्ण करने जा रही है। इन चित्रकथाओं के माध्यम से आपका मनोरंजन तो होगा ही, साथ ही जैन इतिहास संस्कृति, धर्म, दर्शन और जैन जीवन मूल्यों से भी आपका सीधा सम्पर्क होगा। ... - हमें विश्वास है कि इस तरह की चित्रकथायें आप निरन्तर प्राप्त करना चाहेंगे। अतः आप इस पत्र के साथ छपे सदस्यता पत्र पर अपना पूरा नाम, पता साफ-साफ लिखकर भेज दें। आप इसके तीन वर्षीय (33 पुस्तकें), पाँच वर्षीय (55 पुस्तकें) व दस वर्षीय (108 पुस्तकें) सदस्य बन सकते हैं। आप पीछे छपा फार्म भरकर भेज दें। फार्म व ड्राफ्ट/एम. ओ. प्राप्त होते ही हम आपको रजिस्टर्ड पोस्ट द्वारा अब तक छपे अंक तुरन्त भेज देंगे तथा शेष अंक (आपकी सदस्यता के अनुसार) जैसे-जैसे प्रकाशित होते जायेंगे, डाक द्वारा हम आपको भेजते रहेंगे। धन्यवाद ! ॐ आपका नोट-वार्षिक सदस्यता फार्म पीछे है। संजय सुराना प्रबन्ध सम्पादक SHREE DIWAKAR PRAKASHAN A-7, AWAGARH HOUSE, OPP. ANJNA CINEMA, M. G. ROAD, AGRA-282 002. PH.: 0562-2151165 हमारे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सचित्र भावपूर्ण प्रकाशन पुस्तक का नाम मूल्य पुस्तक का नाम मूल्य पुस्तक का नाम मूल्य सचित्र भक्तामर स्तोत्र 325.00 सचित्र ज्ञातासूत्र (भाग-1,2) 1,000.00 भक्तामर स्तोत्र (जेबी गुटका) 20.00 सचित्र णमोकार महामंत्र 125.00 सचित्र दशवैकालिक सूत्र 500.00 सचित्र मंगल माला 20.00 सचित्र तीर्थंकर चरित्र 200.00 सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र 500.00 सचित्र भावना आनुपूर्वी 21.00 सचित्र कल्पसूत्र 500.00 सचित्र अन्तकृद्दशा सूत्र 500.00 सचित्र पार्श्वकल्याण कल्पतरू 30.00 चित्रपट एवं यंत्र चित्र सर्वसिद्धिदायक णमोकार मंत्र चित्र 25.00 श्री गौतम शलाका यंत्र चित्र 15.00 भक्तामर स्तोत्र यंत्र चित्र 25.00 श्री सर्वतोभद्र तिजय पहुत्त यंत्र चित्र 10.00 श्री वर्द्धमान शलाका यंत्र चित्र 15.00 श्री घंटाकरण यंत्र चित्र 25.00 श्री सिद्धिचक्र यंत्र चित्र 20.00 श्री ऋषिमण्डल यंत्र चित्र 20.00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002855
Book TitleRaja Pradeshi aur Keshikumar Diwakar Chitrakatha 056
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size21 MB
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