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भगवान नेमिनाथ बालक अरिष्टनेमि का शरीर बड़ा सुगठित और सुडौल नेमिकुमार के पश्चात् रानी शिवादेवी ने और था। शरीर का रंग हलका नीला श्याम छवि वाला था। तीन पुत्रों को जन्म दिया। जिनके नाम थेउनकी छाती पर श्रीवत्स का चिन्ह देखकर लोग कहते- रथनेमि, सत्यनेमि और दृढ़नेमि।
यह बालक तो अवश्य ही कोई चक्रवर्ती सम्राट
बनेगा।
अरिष्टनेमि धीरे-धीरे नेमिकुमार नाम से प्रसिद्ध हो गये। | चारों भाई राजसी वैभव में पलकर बड़े होने लगे।
मगध का क्रूर शासक जरासंध यादव वंश के साथ गहरी शत्रुता जरासंध ने सोपाक नामक दूत समुद्रविजय के रखता था। जब कृष्ण के हाथों अपने दामाद कंस के वध की खबर पास भेजा। दूत ने जरासंध का सन्देश सुनायाउसके पास पहुंची तो उसने अपनी बेटी जीवयशा के सामने प्रण किया
कंस के हत्यारे बलराम-कृष्ण को हमें मैं तेरे पति के हत्यारों का समूल
सौंप दो, अन्यथा समूची यादव जाति
का नाश कर डालेंगे। नाश कर डालूँगा। तू शान्ति रख !
है
RATIO
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