________________
युवायोगी जम्बूकुमार
तभी आरामशाला में सेठ के मित्र ज्योतिषी मसमित्र ने प्रवेश | | सेठ ने कहाकिया। सेठानी के चेहरे पर उदासी देखकर उसने पूछा
मित्र, इसकी चिन्ता तो तुम जानते
ही हो। सन्तान के बिना सब कुछ आज भाभी उदास
होते हुए भी लगता है कुछ नहीं... क्यों बैठी है, क्या
तुम अपने ज्योतिष ज्ञान से कुछ चिन्ता है....
बताओ तो जानें
अभी प्रश्न लग्न लेकर बताता हूँ, भाभी की इच्छा कब फलेगी।
CDA
सेठ ने आश्चर्यपूर्वक देखा
जसमित्र ने प्रश्न कुण्डली बनाई और प्रसन्न होकर बोलाअब चिन्ता मत करो भाभी, शीघ्र ही आपके मनोरथ पूर्ण होने वाले हैं
..सच....! तुम रहा , मित्र! भाभी एक ऐसे महान पत्र सच कह रहे हो की माता बनेगी जिसका यश सम्पर्ण जसमित्र!
। भरतक्षेत्र में फैलेगा। हजारों वर्ष तक उसकी कीर्ति संसार में गूंजती रहेगी....
JODS0360
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.lanteborg