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मेधकुमार की आत्मकथा दूसरे दिन मेघकुमार की शोभा यात्रा निकली। एक भव्य शिविका में मेघकुमार को बैठाया गया। हजारों स्त्री-पुरुष जयनाद करते हुए गुणशील उद्यान में पहुँचे। मेघकुमार भगवान महावीर के सम्मुख मुनि वेश धारण कर उपस्थित हुआ।
मेघ, आज से तुम संयम-साधना के पथ पर बढ़ रहे हो। जीवन की प्रत्येक गति विधि में विवेक एवं यतनापूर्वक आचरण करोगे।
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भगवान महावीर ने मेघकुमार को मुनि-दीक्षा प्रदान कर श्रमणों को सौंप दिया।
रात हुई। सोने के समय सभी मुनियों ने एक विशाल कक्ष में क्रमश: अपनी-अपनी शय्या लगाई। मेघ मुनि-दीक्षा क्रम में सबसे छोटे थे इसलिए सबके अन्त में द्वार के पास उनकी शय्या लगी। वहीं से बाहर जाने-आने का रास्ता था।
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