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________________ रानी ने कहा सिद्धचक्र का चमत्कार भाई, जो होना है उसे कौन रोक सकता है... जैसी प्रभु इच्छा ! जंगल में अकेली बच्चे को लिये घूमूँगी तो भी तो को खतरा हो सकता है। Songs बहुत सोच विचार के बाद कोढियों के राजा ने कहा ठीक है माताजी, जैसी आपकी इच्छा, लीजिए आप बालक को लेकर इस टट्टू पर बैठ जाइए... यह बालक आज से हमारा 'राजा' होगा। हम इसे उम्बर राणा कहेंगे। अरे, इधर किसी स्त्री को बच्चे के साथ जाते देखा है तुमने .....? 15. रानी ने श्रीपाल को अपने आंचल से ढंक लिया और स्वयं टट्टू पर बैठकर सफर तय करने लगी। कुछ ही देर बाद अजितसेन के सिपाही उधर आ गये, कोढियों को देखकर दूर से ही पूछने लगे For Private & Personal Use Only ga MA .www.jainelibrary.org
SR No.002812
Book TitleSiddhachakra ka Chamatkar Diwakar Chitrakatha 013
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size20 MB
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