SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 29
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ करुणानिधान भगवान महावीर जन्म के बारहवें दिन पुत्र का नामकरण संस्कार किया गया। जब से यह बालक देवी त्रिशला के गर्भ में आया है, हमारे राज्य में सुख-समृद्धि, यश-कीर्ति की वृद्धि हो रही है। अतः इस बालक का नाम 'वर्धमान' # रखा जाय। 14 19000XONO | कुमार वर्धमान बचपन से ही बहुत वीर और साहसी थे। वे मल्ल युद्ध, घुड़सवारी आदि चौंसठ कलाओं में निपुण थे। # वर्धमान - वृद्धि करने वाला। एक बार इन्द्र ने देव सभा में कुमार वर्धमान की प्रशंसा करते हुये कहा कुमार वर्धमान के समान वीर और पराक्रमी आज संसार में दूसरा कोई नहीं है। SAAN SOOM 60 एक देव को यह प्रशंसा रास नहीं आई। वह वर्धमान की परीक्षा लेने पृथ्वी की ओर चल दिया। elm For PRT & Personal Use Only:
SR No.002809
Book TitleBhagvana Mahavira Diwakar Chitrakatha 009 010
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandramuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy