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शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ शान्तीनाथ के राज्य में चारों ओर खुशहाली छाई हुई थी। लोग चोरी और हत्या का नाम नहीं जानते थे। उनके राज्य में न कभी अकाल पड़ा और न ही कभी कोई उपद्रव हुआ।
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न्याय एवं नीतिपूर्वक राज्य का संचालन करते हुये महाराजा शान्तीनाथ जी को २५ हजार वर्ष हो गये। पूर्व जन्मों के प्रबल पुण्यों के प्रताप से आयुधशाला में चक्र रत्न प्रकट हुआ। महाराज ने चक्र रत्न की पूजा की और महोत्सव मनाया।
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