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________________ बुद्धि निधान अभय कुमार अभय ने ग्रामवासियों को समझाकर राजा श्रेणिक के पास भेजा। ग्रामवासी श्रेणिक के दरबार में पहुँचे और बोले महाराज! आपका आदेश सुनते ही कुआँ नगर में आने को तैयार हो गया। लेकिन गाँव का होने के कारण वह नगर की तड़क-भड़क से झिझकता है। कृपा करके अपने नगर का एक कुआँ हमारे ग्राम में भिजवा दीजिये तो, उसके साथ वह खुशी-खुशी चला आयेगा। उत्तर सुनकर राजा श्रेणिक हैरान रह गये। अपने विचार छुपाते हुए राजा ने कहा BAJAKOA alaonka वाह! आप लोगों की बुद्धिमानी के क्या कहने? मुझे आशा है कि आप लोग इसी तरह दूसरी समस्याओं का भी समाधान कर दोगे। bwwwwd Jain Education International JRA 5 For Private Personal Use Only Jon गाँव के पंडितों ने सीना फुलाकर कहा LOCO GA vioe इन मूर्ख ग्रामवासियों में इतनी बुद्धि कहाँ से आ गई? जरूर यह उपाय किसी अन्य व्यक्ति के दिमाग की उपज है। DISS 2XOX राजन् ! आप बताइये तो सही। www.jainelibrary.org
SR No.002806
Book TitleBuddhinidhan Abhaykumar Diwakar Chitrakatha 006
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size21 MB
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