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भगवान महावीर की बोध कथाएँ
रोहिणी का उत्तर सुनकर सब लोग चकित हो गये। धन्ना के चेहरे पर भी आश्चर्य मिश्रित प्रसन्नता की रेखायें चमकने लगीं। उसने पूछा
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रोहिणी ने उन्हें सारी बात विस्तार पूर्वक बताई कि किस तरह उसने अपने पिता के यहाँ । खेत में अलग क्यारी बनवाकर धान के पाँच दानों से खेती करवाई। धीरे-धीरे चार वर्ष में वे इतने हो गये कि उन्हें ढोकर लाने के लिये कई गाड़ियाँ चाहिये।
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पुत्री! इसका क्या मतलब? पाँच दानों
के लिये गाड़ियों की क्या आवश्यकता ?
| अब धन्ना सेठ ने अपने परिजनों की तरफ देखा और बोला
मैं अपनी पुत्र वधुओं को उनकी योग्यता अनुसार घर का भार सौंपना चाहता था। इसलिये मैंने इनकी योग्यता की परीक्षा ली।। अब मैं योग्यतानुसार कार्य की जिम्मेदारी हर एक को बाँट देता हूँ।
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