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चम्पा नगरी में जितशत्रु राजा था। सुबुद्धि नाम का उसका मन्त्री, बड़ा चतुरा विवेकशील और भगवान महावीर के तत्त्वज्ञान का गहरा जानकार था।
एक बार राजा जितशत्रु अपने मन्त्रियों के साथ किसी प्रीतीभोज में सम्मिलित हुआ।
वाह! क्या
स्वादिष्ट और TADHAN रुचिकर भोजन है।
हाँ महाराज! बड़ा ही स्वादिष्ट है। लोग तो ऊंगलियाँ चाटते ही रह गये
FITUDY
अन्य सब लोगों ने भी महाराज की हाँ में हाँ मिलाई और भोजन की खूब प्रशंसा की।
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