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णमोकार मंत्र के चमत्कार राजा श्रेणिक अमर कुमार से बोले
राजा श्रेणिक ने तुरंत अपने राजपुरोहित, मंत्री कुमार ! आपने किस मंत्र का पाठ
आदि को आदेश दियाकिया जिससे अग्निदेवता भी शान्त हो गये? हमारा महल जितना बनता है रात में उतना गिर जाता है, इसका
भी कोई उपाय बताइएमा महाराज ! मेटे गुरू ने बताया है कि संसार में पंचपरमेष्ठी
कुमार का मंत्र से बड़ा और कोई मंत्र
कथन सत्य है। नहीं है इसके स्मरण से सभी
आज ही पंचपरमेष्ठी संकट टलते हैं। आप भी
मंत्र सोने के पतरों पर विश्वास रखकर आजमाइए
लिखकर राजमहल के मुख्य द्वार पर स्थापित
किया जाय। यह कहकर अमर कुमार अपने गुरु की खोज में चल दिया।
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नमो अरिहंताणं नमो सिद्भाणं नमो आयरियाणं नमो उवण्झायाण नमो लोए सव्व साहूण
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और उस रात के बाद शुन्दर राजमहल के निर्माण में कोई विघ्न नहीं आया। Jain Education International
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