SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार अब तान्त्रिक बड़ी जोर-जोर से मन्त्रों का जाप करने ऐसे विचार मन में आते ही शिवकुमार के हाथ-पैर लगा। भयानक काली अंधेरी रात शमशान जैसा थर-थर कांपने लगे। संकट से बचने का उपाय डरावना वातावरण शिवकुमार का हृदय घबराहट खोजते-खोजते अचानक पिता की शिक्षा उसके कि मारे धक-धक करने लगा। उसने सोचा मस्तिक में बिजली की भाँति कोंधी। (कहीं यह तान्त्रिक मुझे ओह ! पिताजी ने मुझे संकट के समय। मारने का ही तो षड्यन्त्र महामन्त्र नवकार का जाप करने को नहीं रच रहा....? कहा था। आज शायद इसके स्मरण से मेरी जान बच जाये। ENIO शिवकुमार ने विश्वासपूर्वक मन ही मन नवकार मन्त्र का पाठ करना प्रारम्भ कर दिया। इधर तान्त्रिक के मन्त्र जाप का प्रभाव शव पर हुआ। | उसने शिवकुमार से पूछावह उठा, किन्तु सीधा खड़ा न हो सका। पुनः जमीन पर गिर गया। तान्त्रिक ने शव की यह दशा देखी तो युवक ! तुम कोई मन्त्र-तन्त्र) दुबारा मन्त्रमाप किया। दूसरी बार भी शव उठा, किन्तु जानते हो? फिर गिर गया। तान्त्रिक को बड़ा आश्चर्य हुआ। नहीं मैं तो कोई मन्त्री (मेरी मन्त्र साधना नहीं जानता। Si निष्फल क्यों ही रही O n है? कौन बाधक बन रहा है? UKSON mad im Wom अवश्य ही यह पंच परमेष्ठी महामन्त्र का प्रभाव है। शिवकुमार और भी श्रद्धापूर्वक नवकार मन्त्र का जाप करने लगा। Folivate & Personal Use Only PLEARN
SR No.002803
Book TitleNavkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishalmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy