SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 10
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ णमोकार मंत्र के चमत्कार भटकते-भटकते एक दिन शिवकुमार जंगल के पास श्मशान में पहुंचा। वहाँ एक तान्त्रिक तन्त्र साधना कर रहा था। सुना है कि तान्त्रिकों के पास धन MC प्राप्त करने के बहुत मन्त्र, उपाय आदि होते हैं। मुझे इस तान्त्रिक से) सहायता लेनी चाहिये। DOM ( ) गजायण demons TEAM -MA | शिवकुमार ने पास पहुँचकर तान्त्रिक को प्रणाम | तान्त्रिक शिवकुमार को देखकर मन ही मन किया और अपनी दुखगाथा सुनाई।। अत्यन्त प्रसन्न हुआ परन्तु ऊपर से अपनी योगीराज! आप अपनी तन्त्र असमर्थता प्रकट करते हुये बोलाशक्ति से मेरी दरिद्रता हे भोले मानव ! हमारे पास दूर कीजिये। मैं बहुत धन कैसा? हम तो त्यागी दुःखी हूँ। हैं। संन्यासी हैं। यासी हैं। Posta AAR शिवकुमार ने आँखों में आँसू भरकर कहा योगीराज! आप त्यागी हैं तो साथ ही परोपकारी भी हैं। आप तपस्वी ही संसारीजनों के कष्ट मिटाने में सक्षम होते हैं। आप मेरे ऊपर उपकार करें। तान्त्रिक कळणा का प्रदर्शन करता हुआ बोला(हम साधुओं की सबसे बड़ी कमजोरी यही होती है दूसरे के दुःख देखकर हमारा हृदय तुरन्त पिघल जाता है। मैं तुम्हारे कष्टों का निवारण करूंगा।परन्तु थोड़ा श्रम तुमको भी करना पड़गा। Jain Education International For Private & Personal Use Only Bw.jainelionairy:OLA
SR No.002803
Book TitleNavkar ke Chamatkar Diwakar Chitrakatha 003
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishalmuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy