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इतः शतसहस्रेण IV. 40.18c " , , 43.3a " , VI. 4.9c , शत्रुनिबर्हणः VI. 4.3rd ., त्रियमवाप्नुयाम् VI. 12.9d , श्रिया भास्वरसर्वदेहः III. 73.46b , सन्नृपतिस्तदा I. 72.25b , संप्रययौ श्रीमान् VII. 14.2c , सर्वगुणैर्नित्यम् VII. I0.29a , सर्वामरैः प्रभु: VI. 67.108b , सौम्यः प्रजापतिः I. 72.25d वृतानां तैः सुहृवृताः II. I05.1b वृतामार्यैः सहस्रशः II. I00.41d वृता गुल्मैर्द्विजैस्तथा II. 50.24b ,, दृष्टिमनोहरैः V. 18.8b , पुष्पफलद्रुमैः II. 95.40 , वैद्यजनाकुलाम् II. I00.42b , हेममयीभिस्तु V. 14.37c वृतैर्नानाविधैः V. 14.7a वृतोऽजनगिरीवायम् VII. 7.2c वृतो दन्तनखायुधैः V. 36.25d " , , 43.24b ,, नानाप्रहरणै: VII. 28.27c वृतोऽनुरक्तैः कुशलैः समथैः I. 7.24b वृतो नैर्ऋतशार्दूलै: VI. 69.28c वृतोभिनिष्कम्य रणोत्सुको वली VI. 51.36b वृतो मन्दोदरीसुतः VI. 90.ub
, महत्या नादिन्या II. 93.3c ,, महादानवदर्पनाशनैः VI. 69.14d , यक्षसहस्रैस्तु VII. 15.3c ,, यत्तैस्तु सचिवैः VI. 42.30c ,, राक्षसपुंगवैः VII. II.3b ,, राजा हि कैकेय्या II. III.32a ,, रिवधाकाङ्क्षी VI. 41.93c , वानरसैन्येन VI. 82.8c
वृतोऽहं पूर्वमिन्द्रेण VII. 55.10c वृतो हि बाह्वन्तरभोगराशिः VI. 14.2a वृतौ मन्त्रिपुरोहितैः II. II5.9d वृत्या प्रत्यक्षया तथा II. 3.43d
,, हीनप्रतिज्ञया II. I09.8d वृत्तकामो भवेदाता VI. 110.21a वृत्तज्ञो वृत्तसंपन्नम् IV. 26.12a वृत्तदोषो न नो भवेत् VII. 41.12d वृत्तदंष्ट्रो महेष्वासः II. 59.24a वृत्तपिङ्गलनेत्रा हि VI. 27.42c वृत्तवाहुर्महाशीर्षः I. 24.27c वृत्तमध्यं महोदरी III. I7.9d वृत्तमाभरणैर्दिव्यैः V. 10.9a वृत्तमार्यमनुस्मरत् V. 38.61b वृत्तमावरण स्त्रियाः VI. II4.27d वृत्तमाहुरमानुषम् II. 102.4d वृत्तशीले कुले जाताम् V. 19.10a वृत्तशौटीर्यगर्वितम् V. 22.12d वृत्तस्य च कुलस्य च VII. 13.17d वृत्तं कथय धीरस्य I. 2.33a ,, वानरकोटीभिः VI. 36.9a ,, संस्मृत्य चात्मनः VII. 13.IId वृत्तायतमहाभुजः III. 3I.Iod वृत्ता यात्रा नरेन्द्राणाम् IV. 28.53a वृत्तावूरू सुसंहतो IV. 66.13b वृत्तां पुष्करिणीभिश्च V. 18.ya वृत्ताः सुहृद्भिश्च विरेजिरेऽध्वरे II. I04.32c वृत्तिमान्रुचिरस्तथा I. 28.7f वृत्तिश्चरणयोधिनाम् IV. 58.31d वृत्तिं दशरथाज्जाते II. 104.21c , वर्तस्व मातृषु II. 58.21d ,, वहति राघवः II. 12.8d वृत्ते चारोमके जो VI. 48.9c ., दशरथे राज्ञि II. 87.10c वृत्तेन महता ततः II. 67.35d
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