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वरिष्ठा सर्वनारीणाम II. II8.ua वरुणत्मकारयत. VII. 56.12b वरुणत्वमुपागमत् VII. 83.6d वरुणश्च जलेश्वरः VI. II7.2d
, महाबल: II. 67.35b ,, वर प्रादात् VII. 36.15a ,, सुता रणे VI.7.12b वरुणश्वामिरिन्दश्च II. 15.22a वरुणस्त्वब्रवीद्वंसम् VII. 18.28a वरुणस्त्वब्रवीद्वाक्यम् VII. 56.17a वरुणस्य गृहोत्तमम् VII. 23.25d
, ततः कन्या I. 45.36a ,, महात्मनः III. 12.19d " , IV. 42.45d " , VII. 23.28b , , , ,40b ,, सुतास्तदा VII. 23.32b
, सुभाषितम् VII. 56.19b वरुणस्याथ पुत्रोऽथ VI. 30.32c वरुणस्यालयं दिव्यम् VII. 23.20c वरुणं चोर्वशीकृते VII. 56.14d ,, प्राञ्जलिः स्थिता VII. 56.16b वरुणः पश्चिमामाशाम् II. 16.240
, पाशहस्तश्र V. 13.64a वरुणाय निवेद्यताम् VII. 23.49b वरुणाय प्रमेयाय I 77.1c वरुणालयमक्षयम् III. 54.8d वरुणेन महात्मना II. 118.39b
, सुरक्षितम् VII. 23.5d वरुणेनेव सागरम् VI. 41.36b वरुणो जनयामास I. IT I5a
, वरयामास VII. 56.15c वरूथं च ययो रम्यम् II. 7I.IIC वरूथिना राजगृहाभिषातिना II. 15.40c वरूथीं गोमती चैव VI. 125.26c
| वरेप्सुं पुत्रजन्मनि II. II0.21b | वरेषुधीचापधरी परनपी II. 86.25c वरोत्सेकेन मत्तौ च V. 60.3c वरो दत्तो महाबाहो VI. 85.15a , मे शृणु सवन VII. I0.30b ,,, स्यादनुग्रहः VI. 34.Ind , यस्तेऽभिकाशितः VII. 10.14b ., वर्षसहस्रान्ते I. 46.15c वरौ दशरथो ददौ II. 9.28b ., देयौ त्वया देव II. II.23c वर्जन परिधावनम् VI. 40.24d वर्जनीया हि धीरेण II. 105.35c वर्जयन्ति नरा दूरात् III. 33.5c वर्जयनगरराभ्याशान् VI. 4.39a वर्जयित्वा जनावृद्धान् III 55.14c
द्विषदलम् VI. 17.24d __ मम ज्येष्ठम् IV. 36.150 , महातेजा V. 54.16a , महोदयम् I. 59.12b
, मुनिवरम् I. 67.19c वर्जयेदन्तकश्विरम् V. 21.23b वर्जयेद्वमुत्सृष्टम् V. 21.23a वर्णस्यापि प्रस'धिनीम् V.9.28d वर्ण पूर्वोचितं जहत् Il. 35.2b ,, प्रीतस्तवाप्यहम् VII. 18.32d
, श्यामं समाश्रितः V. 35.16d वर्णानां कुरुते दयाम् II. 17.15b वर्णेष्वघ्यचतुर्थेषु I. 6.17a वर्णो मनोरमः सौम्यः VII. 18.29a वर्तता तेन वा मृधम् VI. 79.16d वर्तते गुरुवृत्तिज्ञः II. 73.9c
, चोत्तमा वृत्तिम् II. 44.5a ,, दशमो मास: V. 37.8a ,, न च हीयते VII. 92.19f ,, प्रतिरूपोऽसौ III. 42.30
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