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कोशन्तं पर्यदेवयन् II. 40.38d कोशन्ती कुररी यथा VI. 32.3d क्रोशन्तीं कुररीमिव IV. 19.28b क्रोशन्ती चेदमब्रवीत् I. 54.7b कोशन्तीनां सहस्रशः II. 76.21d कोशन्तीभिरनुद्भुतः II. 65.26b कोशन्ती मधुरस्वराम् III. 52.42d कोशन्तीं पृथिवीतले II. 78.16d कोशन्तीं प्रतिवक्ष्यति II. 57.21d कोशन्ती मुक्तमूर्धजाम् IV. 59.21b कोशन्ती रामरामेति IV. 6.10a
IV. 58.16a
II. 40.44c
III. 52.8a
VI. 81.15c
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क्रोशन्तीं
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कोशन्तो विप्रदुद्रुवुः VI. 96.3b क्रोशन्तं हि यथात्यर्थम् III. 59.18c क्रोशन्त्यः करुणस्वनाः IV. 25.36b कोशन्त्यो हतबान्धवाः VI. 94.5b कोशमात्रे त्वयोध्यायाः VI. 125.29c कोशमात्रं ततो गत्वा II. 55.8a
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II. 55.32a ददर्शतुः II. 69.33d सहानुजः VII. 100.5b कोशमानस्य कौशिकः I. 60.1gd कोशमानाः परस्परम् VII. 27.51d कोशादेव नरर्षभः II. gorb कौचं गिरिमतिक्रम्य IV. 43.29c
तु गिरिमासाद्य IV. 43.25a कौश्चणिवर्णानाम् VI. 75.200 क्रौञ्चबर्हिणसंघुष्टैः V 3 11a कौश्चमत्रं तथैव च I. 27.11d I. 56.9d कौश्चं पत्ररथा इव VII. 7.32d कौश्चयोश्चारुनिःस्वनम् I. 2.gd
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कौश्वस्य खमिव द्विजाः VI. 12.33d VI. 63.19d
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क्रौञ्चस्य तु गुहाश्चान्या : IV. 43.27a क्रौञ्चस्वनं शालिवनं विपक्कम् IV. 30.53b क्रौंच हंसरुतायुतम् II. 10.12d क्रौंचं हन्यादकारणात् I. 2.2gb क्रौञ्चारण्यमतिक्रम्य III. 69.8c कौारण्यं विविशतुः III. 69.5c क्रौञ्चावटे विराधस्तु VI. 107.6oa कौश्वाविव चुकूजतुः VI. go.49d star कुररैः सह IV. 5825d
सह सारसैः IV. 50.15d कौशीनामित्र नारीणाम् II. 76.2ra
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निःस्वनः II. 39.4ob कोची भासी तथा श्येनीम् III. 14.17c
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विलग्नामिव वीक्षमाणाम् II. 78.26d
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क्लमं चाप्युपजग्मतुः VI. 88.62d
न तौ जग्मतुराशु वीरौ VI. 40.20d क्लान्तदुर्बलदुःखार्ताम् II. 42.23c क्लान्तद्रुमलतायुतै: V. 41.17d क्लान्तानाश्वास्य वाजिनः II. 71.7b क्लान्तो रुविरसिक्ताङ्गः IV. 12.22a क्लिन्नपक्षोत्तराः स्नाताः II. 63.17a क्लिश्यतेऽयं त्वया जन: VI. 114.26b क्लिश्यन्तीं पतिदेवां त्वाम् VI. 113.2ga क्लिश्यन्ते धर्मशीलाश्च VI. 83.21C सचराचरा: VII. 20.28b लिश्यन्तं वानराधिपम् VII. 35.12d क्लिश्यमानांश्च देहिनः VII. 21.12b क्लिश्यमानो मुहुर्मुहुः III. 51.36b क्लिष्ट कौशेयवसनाम् V. 20.30a क्लिष्ट कौशेयवासिनि V. 33.3b क्लिष्टं चन्द्रमिवाम्बुदैः II. 104.25d क्लिष्ट मक्लिष्टकर्मणाम् II. 104.4b क्लिष्टरूपामसंस्पर्शात् V. 17.23a
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