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रामादन्यो न विद्यते II. 11.5d रामादपि हितं मन्ये II. 12.62a रामादर्शन कर्शिताः II. 57.18d
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" 59.12d
रामाद्वयसनमानुहि III. 49.28d
रामाद्विशिष्टः कोऽन्योऽस्ति V. 39.53a
रामाधिकरणाः कथाः II. 15.2gd रामानयनसंतुष्टा II. 83.6c रामा निर्विण्णदर्शना: III. 66. 14d रामानुजं लक्ष्मणपूर्वजं च V. 28.1od
स्वं च कुलं शुभाङ्गयाः V. 28.18d
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रामानुजः कार्मुकसंप्रयुक्तम् VI. 59.9gb पूर्वजमित्युवाच IV. 31. Id रामानुजानीहि कृतागसं माम् IV. 24.23d रामानुजेन वीरेण VII. 69.2ga रामन्तकमिहार्हसि III. 37.17d रामान्नस्तुमुलं भयम् VI. 60.74d रामान्नान्यद्वलं लोके III. 38.ga रामाभिरामेरितचित्तदोष: V. 5.8c रामाभिषवसंयुक्ताः II. 6.16c रामाभिषेकमाकाङ्क्षन् II. 5.19c रामाभिषेकयुक्ताश्च II. 6.1ga रामाभिषेक संकल्पात् II. 9.36a रामाभिषेकसंभारान् II. 9.1gc रामाभिषेकसंभारैः II. 14.16a रामाभिषेक सुमुखैः II. 15.38c रामाभिषेकाभ्युदयम् I. 3.38c रामाभिषेकार्थकृतां जनानाम् II. 15.43b रामाभिषेके संप्राप्ते II. 6.15c रामाय चाचचक्षेताम् II. 117.ga रामायणमिति ख्यातम् VII. III.I श्रुतम् I. 5.3d
रामायणमिदं कृत्स्नम् VI. 128.1160 रामायणस्य श्रवणे VI. 128.11gc रामायणं गोविसर्गे VII. 111.gc
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९६:
रामायणं वेदसमम् VII. 111.4c रामाय तु यथातत्त्वम् III. 49.40a दर्शयामास II. 31.33c
" परमासनम् II. 3. 35b
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प्रददौ राजा VII. 100.3
प्रियमाख्यातुम् I. 1. 77C
रजनीचरा: III. 25.27d
विदितात्मने II. 118.52d
वेदितं सर्वम् I. 1. 62a
समुपानयन् VII. 39. 12d
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रामाय गमनं पुनः II. 4.5b रामायाभिप्रणम्य च II. 91.3gb रामायाभ्यवहारार्थम् II. 87. 150 रामायेति पुनः पुन: VI. 17.14d रामायोपहरिष्यामि V. 13.48c रामा रम्या वनोद्देशे III. 64.30a
राम मनोरथम् V. 65.12b रामे दीनात्मा II. 60. IOC रामार्थमुक्तं विरराम रामा V. 36.31d रामार्थमुपहिंसन्ती II. 9.4c
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रामार्थं वानरार्थं च V. 1. 28a
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प्रतिजानीते VI. 126.3gc
प्रतिवेदय VII. 105.6b
प्रत्यवस्थिता III. 74. Iod
प्रत्यवेदयत् VI. 37.20b
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संभ्रमस्तादृक् V. 53.320
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रामार्थे त्यक्तजीविताः VI. 42.14b
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रावणस्य च V. 13.62b शोककर्शिताम् V. 37.1gb रामाश्रमगतस्याः II. 98. 16c रामाश्रमपदं च तत् III. 42.20b रामाश्रमपदाभ्याशे III. 42.24c रामाश्रमं पुण्यजनोपपन्नम् II. 98. 18b रामास्त्रविद्धो घोरं वै VI. 67.118a
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