SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 798
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ९६३ रामस्येहाभिषेचनम् II. 72.49b रामस्यैतदिति ब्रुवन् VI. 31.43d रामस्यैतद्वचः श्रुत्वा VII. 72.18a रामस्यैव गुणान्देवि II. 8.13c रामस्यैवं ब्रुवाणस्य I. 30.8a रामस्यैष हितायैव V. I.134a रामस्योपरि रावण VI. 32.31b ,, संहृष्टाः III. 30.30a रामस्योपानयत्सीताम् VI. III.3IC रामस्योपाविशन्पार्श्व VII. 37.16c रामहर्षसमुत्सुकः II. 14.6ob रामहस्ताच मैथिली VI. 81.20b रामहस्ताद्दशग्रीवः VI. 94.26a रामहीना तथा वनम् II. 60.IId रामहेतोरचोदयन् IV. 37.18d रामहेतोपात्मजम् II. 79.L4b रामहे तोर्वन प्रति II. 79.rod रामं कमलपत्राक्षम् I. 76.12c ,, , VI. 37.20c , 45.26a , II4.IC , कमललोचनम् V.64.270 ,, , , 67.35b ,, कृत्वा प्रदक्षिणम् II. 40.49b ,, ,, सदा हृदि VII. 47.18b , गतिमुपागम्य VII. I09. IIC ,, गात्रेषु मार्गणैः III. 28.24b ,, चक्रे महाबलः I. 56.22b च नीजं कृत्वा VI. 50.59c ,, पुनर ब्रवीत् II. 4.IId ,, लक्ष्मणं चैव V. 62.36a " , , VI. 44.340 ,, वनमाश्रितम् II. 12.73b सहलक्ष्मणम् VI. 59.6b ,, ,, संख्ये सह लक्ष्मणेन VI. 73.70b रामं चाक्लिष्टकारिणम् I. 77.18d , V. I.148b , 58.27d ,, चैव महात्मानम् IV. 26.40a ,, चैवाव्ययं दृष्ट्वा III. 30.40e , छत्रावृताननम् II. 2.22d ,, जग्मुस्तदा गतिम् VI. 67.97b ,, जानपदो जनम् VII. I09.18b ,, ज्वलिततेजसम् II. 37.16b , , , III. 6.1d , तत्रानयांचके II. 3.24a ,, तथागतं दृष्ट्वा V. 13.26c ,, तस्य पतिष्यामि II. 99.17c ,, तु गच्छन्तमितः समीक्ष्य II. I2. IOC ,, ते दातुमर्हसि I. I9.16b ,, त्रस्ताः प्रदुद्रुवुः IV. 19.5d ,, त्वभिमुखी ययौ II. II9.12d ,, दर्शय धर्मज्ञम् II. 32.31c ,,, मे शीघ्रम् VII. I05.2c ,, दशरथं विद्धि II. 40.9a ,, दशरथः प्रियम् I. I.23d , दशरथात्मजम् I. 67.22d III. 67.14d IV. 4.5d VI. 2.ib , 20.32d , 60.8b , 64.14b " , 93.16d , , II7.IHb ,, दशरथो नृपः II. 4.9b ,, , राजा II. 7.20c ,, दाशरथिं रामः I.74 24c , ,, ,, , 76.24a |, दिक्षुरायातः VII. 103.2c Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy