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मामकैः पर्वतोपमैः II. 93.9d मामकैर्वा बलैर्ब्रह्मन् I. 20.14a मामको मग्नचूचकौं VI. 48.IIb मामतिकमयित्वा त्वम् VI. 41.66c मामतीत्य हि यच्च त्वम् VII. 26.25c मामध्यं ह्यदूषयत् I. 59.20d मामधिष्ठाय विस्तीर्णम् V. 38.3c मामनन्यपरायणाम् II. 30.5d मामनाथमचेतनम् II. 64.74b मामनाथां विहायैकाम् IV. 238a मामनार्य निरीक्षत: V. 22.18d मामनिर्जित्य दुर्बुद्वे V. 3.36a मामनुज्ञातुमर्हसि I. 65.37d
_II. 52.48d ,, VII. 58.11b
82.6d मामनुवजता कृतम् II. 46.9b मामप्यचिन्तयन्देव V. 63.7c मामप्यथैव गच्छन्तम् IV. 22.5c मामप्यवगतं धर्भात् IV. 18.48a मामयं मकरालयः VI. 21.20d मामयाचत भामिनी VI. I2.18d मामल्पभाग्यां लुलुमे तदानीम् V. 28.1ob मामवज्ञाय दुर्बुद्धे VI. I04.30
, पार्थिव VII. 55.17b मामवाप्य नराधिप: II. II8.32d मामवेक्षस्व याचतीम् VII. 25.43d मामार्तमभिभाषितुम् VI. 49.13d मा मा शङ्कीश्च वानर IV. 12.36d मामाश्रय वरारोहे III. 49.IIC मामाश्रितानि कान्याहुः VII. 43.5a मामाश्वासयसि लक्ष्मण VI. 49.13b मामासीनं विदित्वैव VII. 31.28c मामाह पुरुषर्षभः VII. 50.15b
मामाह सुहृदां मध्ये IV. I0.13a मामाहूय प्रमुदिता IV. 1.25c मा मां तद्दत्तमागमत् II. 42.9d ,,, स्पृश बलाद्राजन् VII. 80.9a मामिकेयं तनुर्नूनम् VII. 48.3a मामितस्त्वरया गतम् V. 30.145 मामितो गृह्य गच्छेत V. 37.6.4c
,, नेतुमिच्छसि V. 37.32b मामिदं वाक्यमब्रवीत् VI. 13.13d मामिष्ट्वा पाकशासनः VII. 85.21b मामिहाद्य विगर्हसे IV. 18.4d मामिहानपराधिनम् IV. 17.35b मामिहाप्रतियुध्यन्तम् IV. 17.25c मामिहाभ्यागतं नृप I. 16.16d मामिहानवगुण्ठिताम् VI. III.6rd मामिहेच्छसि दुर्लभाम् III. 47.37b मामिहोत्सृज्य करुणम् III. 61.10a मामीशन्ते पुनः पुनः III. 64.15d मामुपस्थास्यते सीता VI. 47.9c
___स्वयम् VI. 47.Iof मामुवाच ततः सीता V. 67.34c
,, ततो वाली IV. 9.12c ,, महातेजाः II. 64.2IC
, , , , 5IC मामूचुईि जसत्तमाः III. I0.7b मामूचुः शुभलक्षणाम् VI. 48.12d मागृक्षा भक्षयिष्यन्ति III. 4.3a मा मृतं रुदती भव II. 74.2d मामेति च यदृच्छया VI. 30. Iod
, चोक्त्वा धनुराललम्बे VI. 21.33d , , महता स्वरेण VI. 21.35d
, भिन्दन्हृदयं मनश्च III. 63.3d मामेव यजतां शक्रः VII. 85.20c , यदि पूर्व त्वम् IV. 17.49c
रथमारोप्य II.59.230
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