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कुशनाभन्तु राजर्षिः I. 32.11a कुशनाभस्य धीमतः I. 33.1b I. 34.5b
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कुशनाभो महीपतिः I. 33.24b कुशलवं समासाद्य I. 46.8c कुशमुष्टिमुपादाय VII. 66.6a कुशलप्रश्नमुक्त्वा च III. 12.26c कुशलं कौशिको राज्ञः I. 18.46a चाभिवादनम् II. 58.17b चाव्ययं चैव I. 18.45a I. 68.5a
जनसंसदि IV. 1. rood
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ते नरव्याघ्र I. 52.9c
वाह सिद्धार्थ : VI. 113.70 दैवतैरहम् II. 13.6b धर्मसहितम् V. 39.8d नो महाबाहो VII. 1. 16e
वचनान्मम VI. 125.4d
VI. 125.7b
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कुशला नियतेन्द्रियाः I. 7. rod
व्यवहारेषु I. 7.6a
परिपृच्छति II. 2.38.b परिपृच्छन्तम् III. 62. 13a पर्यपृच्छत I. 52.4d
पर्यपृच्छंस्ते VI. 127.44C प्राणिनामपि VII. 46.17d ब्रूहि पार्थिवम् VII. 48. Iod
भरतस्य च V. 36.22d
भरतस्यास्तु II. 91.59c मातुलस्य च VII. 100.6d
मुनिपुङ्गवः I. 18.47d
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कुशलास्ते नरव्याघ्र II. 70. 12a कुशली तव काकुत्स्थः V. 35.73c V. 36.13a
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सत्य संगर: II. 100.8b
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कुशलैः शिल्पकर्मणि I. 14.28d
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सह मन्त्रिभिः VI. 57.13b कुशलो दण्डकारण्ये II. 84. 120 ह्यसि वर्जने VI. 32.14d
कुशवंशप्रसूतोऽस्मि I. 34.60
| कुशवंश्या नरोत्तमाः I. 34.20d कुशस्य नगरी रम्या VII. 108.4a पुत्र बलवान् I. 51.18c
वचनं श्रुत्वा I. 32.5a
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कुशाः काशाच भामिनि II. 28.22b कुशानास्तर सारथे II.1.13b कुशान्गृहीला पाणिभ्याम् VII. 109.40 कुशान्तर्धानदत्तेषु VII. 1.15a कुशाम्बं कुशनाभं च I. 32.3a कुशाम्बस्तु महातेजाः I. 32.6a कुशा यूपाश्च खादिराः II. 61.17b कुशावतीति नाम्ना सा VII. 108.4c कुशाश्वस्य महातेजाः I. 47.16a कुशाश्वः सहदेवस्य I. 47. 150 कुशास्तरणसंस्तीर्णे VII. 42.18a कुशास्तीर्णे महीतले VI. 21.1ob कुशिकसुतवचोनुलालिताभ्याम् I. 22.24c कुशिकसुतं सुमहान्विवेश मन्युः I. 20.28b कुशिकानामयं वंश: I. 34.20a कुशीलवाभ्यां परिगीयमानम् VII. 94.3rd कुशीलवौ चैव महातपस्विनौ I. 4. 35b कुशीलवौ तु धर्मज्ञौ I. 4.5a कुशेशयदलायुतान् II. 94.24d कुशेशयमयीं मालाम् VII. 36. 100 कुशैर्वेदिमिवाध्वरे II. 99.1gd कुशोत्तममुपस्थाय II. III. 15 कुशो नाम महातपाः I. 32.1b महीपतिः I. 51. 18b
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कुशो ब्रह्मसुतस्तदा I. 34.2d कुष्ठस्थगरपुंनाग II. 94.24a
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