________________
प्रतिजामुश्च ताः सर्वाः II. 91.82a प्रतिजग्राह काकुत्स्थः I. 49.18c
, VI. 3.10 ___ च प्रीतः IV. 37.37c
तत्सर्वम् VI. II2.2 IC तद्वचः IV. 36.1b ते विद्ये I. 22.22a धर्मात्मा III. 26.4a राघवः II. II8.51d
, III. 67.1b ,, VII. 102.7d विशिखैः III. 25.137a वीर्यवान् VI. I03.5b संतुष्टः I. 2.T9c
सा हि तौ I. 49.17b ,, हर्षयन II. 54,33b प्रतिजघ्नेऽस्थिमण्डले VI. 76.86b प्रतिजानामि ते सत्यम् III. 27.3a
" , , VI. 36.13c प्रतिजाने च ते वीर II, 23.28a
,, ,, देवेन्द्र VII. 27.I9a प्रतिज्ञा गुरुसंनिधौ II. 109.25d ,, च कथं शक्या IV. 18.22c , , मया दत्ता IV. 18.27a
, ,, ,, V. I,124c प्रतिज्ञा चाकरोत्तदा VII. 9.44d
, जहि संभ्रमम् IV. 14.15b प्रतिज्ञातं च रामेण I. I.62c प्रतिज्ञा तर्तुमिच्छामि I.68.100 प्रतिज्ञातश्च रामेण I. I.45a प्रतिज्ञातं मया तावत् II. 38. Ioa
, रणार्थिना VII. 38.10a , वचः शुभम् VI. 12.19d ,, विशेषतः IV. 7.23b प्रतिज्ञातस्त्वया वीर III. 9.10a
| प्रतिज्ञां तापसस्य च VII. 106.6d प्रतिज्ञातो वधोऽस्माकम् VII. 6.33c प्रतिज्ञा नापवर्जिता I. 44.9d प्रतिज्ञां नाभ्यरोचयन् VII. 60.17d प्रतिज्ञान्ते नराधिप II. 34.29d प्रतिज्ञापरिपालनम् VI. I01.51d प्रतिज्ञा परिपालय VII. I06.3b प्रतिज्ञा पुरुषर्षभ I 44.12b
, पूरिता त्वया VI, II9.22b प्रतिज्ञा प्रतिजानीष्व II. II.3a प्रतिज्ञामध्यरोहत VII. 67.8d प्रतिज्ञामनुपालय VI. I0I.52d प्रतिज्ञामनुपालयन् I. I.24b
, II. I9.2d
, , ,8d प्रतिज्ञामपवर्जय I. 44.7d प्रतिज्ञा मम राजेन्द्र I. 68.12a प्रतिज्ञाय कथं पुनः III. I0.20b
, तदा तेषाम् VII. 62.7a ,, स्वयं राजा V. 60.17c
, हरीश्वरः IV. 30.78b प्रतिज्ञा या कृता वीर IV. 14.6c प्रतिज्ञायां हि नष्टायाम् VII. I06.9c प्रतिज्ञा रघुनन्दन I. 64.2of प्रतिज्ञां राघवस्य च VII. I08.3b
, हातुमिच्छसि I. 20.2b प्रतिज्ञैषा विनिस्तीर्णा VI. II3.IIC प्रतिनन्द्य कथां वीरौ I. 36.Ic
, महेश्वरम् VII. 6.12b प्रतिनन्द्याभिनिःसृतौ VI. 29.15d प्रतिनर्दन्त वानराः VI. 69.43d प्रतिनेतुमयोध्यायाम् II. 90.17c प्रतिनेष्यति रामस्त्वाम् VI. 34.26e प्रतिपच्चन्द्रदर्शनम् II. II2.20d प्रतिपत्पाठशीलस्य V. 59.31c
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org