SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 504
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुरा विष्णुर्दिवौकसाम् III. 12.35d विष्णुत्रिविक्रमे IV. 40.58b वीर कदर्यया II. 43.17b पुरावृत्तो मया श्रुतः I. 9.2b पुरावृत्रवधे राम I. 24.18c वृत्ते IV. 58.4a "" वै कारणान्तरे III. 71.34d "" वैदर्भको राजा VII. 78.3a शक्रस्य न श्रुताः III. 5.14b शको विनिर्जितः VI. 45.22d शरत्सूयमरीचिसंनिभात् VI. 9.21a सत्यपराक्रम VI. 101.50b संध्या प्रवर्तते I. 20.22d पुराऽऽसीत्सवनार्णवा III. 14.16b पुरा स्वयंभुवे धीरः III. 32.18a स्वैर्विक्रमैस्त्रिभिः VI. 117.26d पुराहमाश्रमे वासम् VII. 48.5a पुरा वालिना राम IV. 8.32a पुराहित्वा पुनर्दवम् II. 21.47d हि नमुचिं संख्ये VI. 56.170 " " د. " "3 "" " "" 12 हिमवतः शृम् VI. 41.89c " पुरीं गच्छामहे शीघ्रम् I. 68. 170 पुरी चास्य निवेशिता VII. 72.1od चियं निरीक्षिता V. 16. 12d 30.5b "" " " " पुरी तामभ्यवर्तत VI. 41.52d दशग्रीवभुजाभिगुप्ताम् VI. 73.7od दारयते वाणै: VI. 9.17c पुरीद्वारेषु सङ्घश: VI. 10.21b पुरी नाराजतायोध्या II. 66.24c परभपीडिता II. 40.20b 73 " "" मां सराक्षसाम् VI. 16.25d ار "" पुरी परिययौ लङ्काम् VI. 57.20 पुनरिहागताः VI. 37.7d पुनरुपागता II. 52.89d " Jain Education International ६६९ पुरी बभासे रहिता महात्मना II. 66.28c पुरी भरतपालिताम् III. 62.14d भीमस्य रक्षसः VI. 4.2b भोगवतीं गत्वा III. 32.13 " " पुरीमध्यवसच्छुभाम् I. 70.2d पुरीमध्यवसत्तदा I. 33.1gb पुरीमपश्यन्वगाः सराक्षसाः VI. 123.54c पुरीमभिमुखा भीता: VI. 71.10&c पुरीमयोध्यां नृसहस्रसंकुलाम् I. 6.28c पुरीं महायन्त्रकवाटमुख्याम् VI. 39.27c महेन्द्रस्य यथामरावतीम् VI. 123.54d पुरीमाकाशगामिव V. 2. 1gd पुरीमालोक्य सर्वतः V. 3.8b पुरीमावासयामास I. 5.9c 220 " " " पुरीं माहिष्मती प्राप्तः VII. 33.3c पुरीमिक्ष्वाकु पालिताम् II. 55.20d 71.32d पुरीमुपरि पिण्डता: VI. 10.20b पुरीयं वानराधम V. 3.36d राज्यं च यन्मम VII. 11.32b रावणपालिता VI. 37.4b "" " "" " पुरीं रावणपालिताम् I. 1. 73b V. 3.2d "" "" " "" " ,, دو " 39 पुरीं रावणपालिताम् VI. 23.13b 41.22b ار " 29 " 39 " "" ,5ob 39 VI. 19.40f For Private & Personal Use Only " " "" ,34d वाराणसीं व्रज VII. 38.17b वासुकिपालिताम् VII. 23.5b " वीरः प्रवेक्ष्यति II. 43.12b व्यथितसज्जनाम् II. 47. 15d शुभां राक्षस मुख्यपालिताम् V. 3.51b सातोलिकाम् V. 51.36d www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy