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तोषितोऽस्मि दृढं त्वया V. I.I34d | तौ तु तद्वचनं श्रुत्वा I. 30.5a तोषितोऽहं रणे ,, VI. 67.IIob ,, ,, तेनाभ्यनुज्ञातो III. 13.24a. तो कदाचित्समेतानाम् I. 4.140
,, ,, दृष्ट्वा महात्मानौ IV. 2.1a ,, कबन्धेन तं मार्गम् III. 74.1a ,, ,, बद्धौ शरैस्तीक्ष्णै: VI. 51.5a ,, काष्टसंघाटमथो II. 55.14a
,,, रावणसंदिष्टौ VII. 32.12a , खड्गौ क्षिप्रमुद्यम्य III. 3.20a ,, तेन पुरुषव्याघ्रौ VI. 44:37a ,, चक्रतुयुद्धमसह्यरूपम् VI. 40 I5c ,, त्वदीर्घण कालेन VI 41.30a ,, च तात महेष्वासो II. 70.18c
, त्वया प्राकृतेनेव IV. 2.24a ,, च मुक्तौ सुघोरेण VI. 51.9a
,, दत्तौ च वरौ देव II. II.20a , च याचस्व भर्तारम् II. 9.20a ,, ददर्श महातेजाः VI. 25.13a ,, च वीरौं नरवरौ V. 56.17a
,, दृष्ट्वा कृतनिश्चयः IV. 59.15b , च सीतावियोजितौ IV. 63.7d
,,, भ्रातरौ तत्र VI. 47.20a ,, चानुज्ञाप्य राघवो VII. 94.29b ,, व्यथितौ रामम् VI. 25.15a ,, चानेन हतौ युधि VII. 63.22d ,, ,, शुकसारणौ VI. 29.15b ,, चापि मधुरं रक्तम् I. 4.33c
,, , तु तदा सिद्धा III. 74.6a ,, चोभी गजकच्छपो III. 35.32b ,, धन्विनौ जिघांसन्तौ VI. 90.2a ,, ,, रामलक्ष्मणौ VI. 44.20d ,, निराशौ मदर्थं च V. 37.6ra. ,, ,, शुकसारणौ VI. 44.20d ,, नूनं दुर्बलावन्धौ II. 63,40c ,, जातरोषो दुध! V. 46.29c
,, परस्परमभ्येत्य VI. 90.38a ,, जातश्वासौ राजपुत्री विदित्वा V. 65.28a ,, परस्परमासाद्य VI. 40.22a ,, तत्र विहितौ देवैः VI. 50.32a ,, परस्परशापेन VII. 56.4a ,, , हत्वा चतुरो महामृगान् II. 52.102a ,, परिज्ञाततत्त्वार्थो V. 35.30c ,, तथा युध्यमानौ तु VI. I07.29a ,, पश्यमानौ विविधान् III. II.2a ,, तदा चीरसंपन्नौ II. 52.70a
,, पुत्रमात्मनः स्पृष्ट्वा II. 64.29a. ,, , राक्षसार्जुनौ VII. 32.53b ,, पुष्करिण्याः पम्पायाः III. 74.4a ,, तमाश्रममासाद्य III. 74.5a
,, पेततुर्वै युगपद्धरायाम् VI. 40. I9d ,, तस्य पादौ प्रदिशो दिशश्च VI. 67.16ra ,, पेततुः सालनिखातमध्ये VI. I7b ,, ,, शरवेगेन VI. 80,23a
,, प्रमथ्य स्वतेजसा III. I9.24d ,, तस्याः सहितो पीनी VI. 5.14a ,, प्रयान्तौ महावीयौ I. 23.5a ,, तावदहमद्यैव II. II.24a
,, प्रयुद्धौं तदा वीरौ VI. 89.27c , तु क्रूरेण निहतौ VI. 45.21a
,, बाधितुं राक्षसराजपुत्रः VI. 44.38b ,,, गान्धर्वतत्त्वज्ञौ I. 4.10a
,, भक्षयितुमारभत् III. 70.7d ,, ,, तत्र निमित्तानि VI. 107.6a ,, भासयन्तावाकाशम् VI. 90.51a ,,,,, महारण्ये VII. 9.37a
,, भ्रातरौ तदा बद्धौ VI. 72.6a ,, ,, स्थिती दृष्ट्वा III. 70.la ,, देवसुतप्रभावौ VI. 47.23b ३५
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