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तव ,, समाज्ञप्तम् III. 47.14c
, पुत्रं सह त्वया II. 14.14d ,, पुत्रहितार्थाय I. 21.2IC ,, पुत्रागमं प्रति I. 9.3b ,, पुत्रैर्महात्मभिः I. 46.2b ,, पुत्रो भविष्यति II. 8.25b ,,, , IV. 66.18d ,, पूर्वपर!यणा VII. 98.14b
, पूर्वपरिग्रहाम् VII. IIO.IIb ,, प्रत्ययघातिनी III. 30.3d ,, प्रभावाद्धर्मज्ञे VI. II3.9c ,, प्रव्राजनार्थानि VI. II9.14C ,, प्रसादात्प्रतिकारबुद्धिः IV. 31.3b , प्रसादाद्भवतु I. 55.18a ,, प्रसादान्मुक्तोऽहम् III. 4.I9c ,, प्रसादेन नृसिंह वीर IV. 5.30a , प्रियचिकीर्षया II. 52.88d ,, प्रियार्थ राजा तु II. 9.25c ,, बाणवशं गतः VI. IOL.53b ,, बाहुबलार्जितान् V. 22.42b ,, बुद्धिर्महाबाहो VII. 40.14a ,, बुद्धिमहामते II. 23.IIb ,, भक्त्या समायुक्त: III. 73.16a ,, भक्ष्यमिमं शवम् VII. 77.20f ,, भग्नं दुरात्मना V. 58.II3b ,, भाग्येन संप्राप्तम् III. 48.19c ,, भार्यापहर्तारम् VI. 41.9a ,, भार्यापहारिणम् III. 65.15b
___IV. 4.16b ,, ,, 5.26b , ,, 8.21d
, 10.33b ,, , I7.50b ,, भार्यामरिन्दम IV. 6.6d ,, भार्या महाबाहो IV. 6.8a
तव भार्या महाबाहो VII. I7.34c ,, भ्राता विभीषण: VI. 30.34b ,, भ्रातृसहायस्य VI. 102.56c ,, माता यशस्विनी II. 107.5b ,, मातुरसग्राहम् II 35 18a ,, मा याचितः पिता VII. 80.12b ,, मारुत मारुतिः VII. 36.22d ,, मार्गमरिंदम VI. I28.5d ,, मैथिलि दारुणः V. 22.6d ,, यज्ञस्य विघ्नाय I. 28.21a ,, सुद्धविशारदः IV. II.22b ,, रक्षोगणेश्वर V. 42.21b ,, राक्षसपुंगव VI. II0.23b ,, राक्षस मच्छरैः III. 30.9b ,, राजकुलस्य च V. 37.6od ,, राजन्परिग्रहे III. 38.30d ,, राजन्महातपाः VII. 74.27d , राजन्वशानुगः IV. 29.16d ,, राजा भविष्यति II. 9.33d ,, राजोत्तमात्मजम् II. 2.53d ,, राज्यं नरव्याघ्र II. I07.6a ,, राज्यं प्रशासतः II. 96.10b ,, राम महाबल II. 54.39b ,,, महायश: VII. I06.8d ,, ,, महाव्रत VII. 96.16b ,, रणे शक्ता: V.67.20a , , वशे स्थितान् VII. 73.14b ,,, शुभाक्षरम् VII. 82.9b ,, रावण वीर्यवान् VII. 30.5b ,, लक्ष्मण जानामि II. 21.39 ,, वक्त्रं हि लक्ष्यते III. 24.8d ,, वत्क्त्राद्विशेषतः IV. 35.2d ,, वक्ष्यामि यद्धितम् IV. 15.23b ,, वत्स निवर्तने II. 45.28a ,,, भविष्यति IV. 20.18d
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