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तथा ब्रह्मस्थलोषु च VI. I0.16b ,, ब्रुवति काकुत्स्थे I. 36.40 " " , II. I03.16c , , , VII. 61.2a , , तारे तु IV. 54.1a
,, देवेशे VII. 85.8a
, , , II0.22c , , राजेन्द्रे VII. 89.19a , , रामे तु I: 76.21a , ,, वैदेहे I. 72.Iya , ,, शत्रुघ्ने VII. 62.15c , ब्रुवाणं भरतम् VI. 127.57a ,, भरतं प्रतुष्टुकः II. I06.35c ,, सुग्रीवम् IV. II.6ga " , , , 40.10a ,, सौमित्रिम् IV. 35.Ia ,, बुवाणामपि धर्मवत्सलाम् II. 27.24a
, भवतु तत्सर्वम् VII. 86.17c ,, भवत्या कर्तव्यम् II. I9,26c ,, भवद्भिः कर्तव्यम् IV. 43.8c ,, भवन्तः कुर्वन्तु I. I3.17c ,, , , VI. 90.7a , भवन्तमासाद्य VI. 50.43c ,, भवान्पश्यतु कार्यसिद्धिम् V. 60.20d .. भावमगायताम् I.4.18d तथाभिरामो भरतेन ताम्यता II. I06.33a तथाभिषेकं रामस्य I. 3.12c तथा भुवि पपात ह II. I03.3d तथाभूतस्य धीमतः III. 64.72b तथाभूता हि सा चर्या I. I9.8a तथाभूतो नरर्षभौ VI. 47.21b तथाभूतं हि रामस्य VII. 42.16a तथा भूयो न संशय: V. 26.20d ,, भूयोऽपि राघवः II. 8.18b ,, भ्रातृस्तु राघवः II, 8.Id
तथा मत्स्यकलिङ्गाश्च IV. 4I.Ira ,, मन्दाकिनी नदी II. 93.8b ,, मम सतां श्रेष्ट II. 37.4a ,, ममापि हृदयम् V. 66.3c ,, मया विधातव्यम् V. I.88a. ,, महापार्श्वमहोदरौ वा VI. 14.5b ,, मातृषु वर्तेथाः II. 52.340 ,, मायामयं परम् I. 27.19b ,, मायां विकुर्वाणौ I. 30.IIC ,, मुकुलितानपि V. 2 IIb ,, मे माधवी देवी VII. 97.14c " " , , , 97.150 " " " , , 97.16c तथाम्रवणसंपन्नान् V. 14.4a तथाम्ललवणोत्तंसैः V. II.I8c तथायं गन्तुमर्हति II. 36.16d ,, पतगेश्वरः III. 68.26d. ,, भरतं गतः II. 8.29d तथा युगशतानि च I. 29.2d. तथायुधाश्च ते सर्वे VII. I09.7c तथाऽयोध्या पुरी मम I. 72.16b तथा यो वर्ततेऽस्मासु II. 41.4c ,, रक्षोधनुर्मुक्ताः VII. 7.4a ,, रक्षोऽपहर्ता च IV. 49.3c ,, रत्नानि सर्वाणि IV. 26.240 ,, रथ्योपरश्याश्च V. 53.21a ,, राष्ट्रमराजकम् II. 67.29d ,, रुदन्ती कौसल्याम् II. 40:44a ,, रूपं हि दृश्यते IV. 6.21d तथारूपामनिन्दिताम् VI. II8.4b तथारूपा मया नारी III. 34.18c तथारूपां हि वैदेहीम् III. 64.69c तथारूपेयमङ्गना V. 15.28b ,, लालहस्तैस्तु V. 14.Iya ,, लोकस्य साक्षी माम् VI. II6.25c
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