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________________ कच्चिद्भयपास्वावहितान् II. 100.37a कच्चिदर्मसु दंशिताः II. 2.3gd कच्चिद्विनयपजः II. 100.11a कच्चिद्विनाकृतस्तेन VII. 46.270 कच्चिद्वांच बाल II. 100.60a कच्चिन्न किंचित II. 18.14a ख कापेयी VI. 127.23a गणिकानाम् II. 100 500 चायन्ते VI. 127.24a तर्कयुक्त्या या II 00.21a तद्धेमरामानवर्णम् V. 36.28a तस्यापापस्य II go. rga da: da: V. 36.16a " 38 5) " " " " 39 " "" " د ब्राह्मननम् 11. 72.448 मुच्यते II. 10.570 लक्ष्मण पुत्र 11. 87. ta लोकायतिकान् II 100.38a विगतस्ट: V. 36.202 व्यथते राम: V. 36. rga श्रवास्यासम् II. J00.490 समजा साधा: 1. 57.7a सर्वे कर्माः II. 100.52a कञ्चिन्नागवनं गुप्तम् II too. 5oa काय दाखवा II. 7244 कवचिनाम् VI. 24.264 कन्दिचन्नान्यमना राम: V. 36.230 कच्चिन्नावरजस्य में II. 116.0b afeafagad fu II. 100.17a कचिन्नु घरते तात II. 100.6a सुकृतान्येव II. 100.20a " " 39 13 #3 74 दीन: सहसा II. 100.6c दुद्रो व्रजसि II. 85.70 परवा II. 72.45a "" परितप्यते V. 36.15b sfa: 11. 100.18b Jain Education International १७७ कच्चिन्नोग्रेण दण्डेन II. 100.27a कच्चिन्मधुवने स्वस्ति V. 63.3c कच्चिन्मन्त्रयसे नैकः II. 100.18a कच्चिन्मया नापराद्वम् II. 18.11a कच्चिन्मां तारयिष्यति V. 36.23d कच्चिन्मां व्यसनादस्मात् V. 36.200 कच्चिन्मित्राणि लभते V. 36. Sa कच्चिन्मुख्या महत्स्वेव II. 100.25a कंच ते परमं कामं I. 18.52c कंचित्कालं निवत्स्यति VII. 56.24d कंचित्कालमतन्द्रिताः IV. 50.23b कंचित्कालं स धर्मात्मा III. 15.31a सह द्विजा III. 3rd कंचित्पश्याम्यहं गुणम् V. 52. 18b कंचिदस्मिन्महावने IV. 51.14b कंचिदाकारमानाने II. 19.36d رو कंचिद्रम्यवनान्तरम् VII. 16.3b कंचिन्नाथमपश्यती III. 54.1b कञ्चुकोष्णी पिणस्तत्र VI. 114.21a अकि जल्कसंनिभः III. 42.17d कण्टकाकमणक्लान्ता II 12.1gc कण्टकैर्बहुभिश्चितम् VII. 8.15b कण्ठास्रकण्ठा कुलमार्गचरा II. 66.28d कण्ठे पादेन वीर्यवान् III. 4.12d III. 4.26d در " در " बदुवा दशग्रीवम् V. 27.26c प्रदद्यां ते IV. 17.50c " मोहान्न बुध्यसे III. 19.4b 23 " कण्डुना च विपश्चिता II. 21.31d परमर्षिणा VI. 18.26b कण्डुर्नाम महाभाग: IV. 48.11c कण्डोचनमुत्तमम् VI. 18.32b कण्वो मेधातिथेः पुत्रः VII. 1. 20 कतकैरतिमुक्तकैः III. 75.24d कतमो राजवंशोऽयम् I. 45.12a For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002795
Book TitleValmiki Ramayana Pada Suchi Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGovindlal H Bhatt
PublisherOriental Research Institute Vadodra
Publication Year1966
Total Pages1190
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size26 MB
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