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सौमित्रिमित्रवत्सलः VI. 91.21b
,,, 22b सौमित्रिर्मुमुदे तत्र VI. 91.27c सौमित्रिर्लजितोऽभवत् IV. 33.25d सौमित्रिर्विविधान्द्रुमान् II. 56.20b सौमित्रिसहितोऽतिथिः III. 74.16b सौमित्रिसहितो बली VI. 99.13d सौमित्रिस्तु ततः पश्चात् IL 87.20a
तथेत्युक्त्वा VII. 46.12c " , , 103.6a
, परं दैन्यम् VII. 52.3a सौमित्रिस्त्वरयान्वितः VII. I03.30 सौमित्रिं च महाभागम् II. II7.6c ,, तमुवाच ह II. 97.27d , तमुवाचेदम् II. 32.12c
देवकण्टकः VI. 59.IIIb प्रेक्ष्य पार्श्वतः IV. 6.1gb मां च रामं च V. 37.4c मित्रवत्सलः VII. 52.17d मित्रसंपन्नम् III. 68.Ic
VI. II2.9a ,, युद्धसंयुक्तम् VI. 88.39c ,, युधि निर्जितम् VI. 59.118b , राघवस्तदा VI. I0I.47b ,, रोमहर्षणम् VI. 90.31b ,, लक्ष्मणमिति I 18.22a ,, शरणं प्राप्ताः VI. 90.17a , संप रष्वज्य VI. 23.Ic ,, पविभीषणम् VI. 88.5d सौमित्रिः पुनरब्रवीत् VII. 55.2b
, प्रहसन्निव VI. 67.112d ,. शरभः कपिः VI. 37.2b , शीघ्रकृत्तमः VI. 89.45d
सर्वमायुधम् II. 31.33d , सूतमब्रवीत् VII. 46.20b
सौमित्री रावणात्मजम् VI. 39.Iob सौमित्रे कार्यवाचनः VII. 53.25f , चिरजीविभिः II. 56.22d ,, ज्ञातुमर्हसि II. 96.9d , दुःसहो रोषः VII. 58.6a , धूममुत्तमम् II. 54:5b , पश्य तत्त्वत: V. 63.26b ,, ,, पम्पायाः IV. I.4a " , , , 6I.ia ,, , , , 73a
पुष्करायुताम् IV. I.98b
प्रविशाग्रतः III. II.94b , प्रस्तराः कृताः IV. 1.9od , प्रहिता वनम् II. 46.2b
प्राणमात्मनः II. 97.16d भर कौसल्याम् II. 31.15c
भरतेऽपि वा VII. 50.13b ,, भवता विना VI. 5.9b
भुव भोगांस्त्वम् II. 4.44a मधुरस्वराः IV. I.27d मित्ररूपेण III. 45.50 Afgant afa VII. 50.10b
योभिषेकार्थे II. 22.5a ,, योऽहमम्बाया II. 53.2IC
, रावणिं जहि VI. 86.34d सौमित्ररुदितो रविः II. 46.16b सौमित्रे वर्तयामहे II. 53.4b ,, शृणु वन्यानाम् II. 56.2a ,, शोभते पम्पा IV. I.3a सौमित्रेश्चापनि?षम् VI. 71.49a सौमित्रे संप्रदापय II. 32.16b सौमित्रेऽहमुपेक्षितम् II. 21.7d सौमित्रे हर काष्ठानि III. 68.27a सौमित्रेः सा विनिर्भिद्य VI. 100.42c सौम्य कृष्णाजिनाम्बरम् II. I01.20b
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