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सुग्रीवं समवस्थितः IV. 39.24d ,, सहनूमन्तम् VI. 8.21a , सहलक्ष्मणम् V. 60.13d " , VI. 8.245 , संपरिप्वज्य VI. I.IC , संप्रहर्षयन IV. 38.3d , हेमपिजलाम् IV. 46.15 सुग्रीवः कचिदेप्यति V. 36.250 , कथ्यतां यत्स IV. 31.32c , कुरुते दयाम् IV. 30.79d , क्रोधनो राजा IV. 49.9a क्रोधच्छितः VI. 97.15b
पण्डितो नित्यम् VI. I9.36a , पतिरव्ययः V. 6.42a ,, परमप्रीत: IV. 5.20e
, , 10.35c , , 12.0c " , 38.5a
, 4.1.2c परमोद्विग्नः IV. 2.40 परिहीयत IV. 16.27b पुत्रमङ्गदम् VI. 50.45
पूजयाश्च के IV. ] I.ic , प्रकृतीः सर्वाः IV. 26.21C प्रत्यभाषत V. 63.30b
VI. 4I.Sd प्रापितो राज्यम् VI. 94.18c प्रियदर्शनम् IV. 33310 प्लवगम: VI. 128.31d प्लवगाधिपः IV. 2.5 , , 33.38b
, 37.37b , V. 13.26b
, ,, 56.16d प्लवगेश्वरः IV. 25.30b
सुग्रीवः प्लवगेश्वरः IV. 40.1b
, , VI. 18.35b ,, शङ्कितशासीत् I. I.63c , शङ्कितोऽभवत् IV. 2.Id ,, शिबिकां तदा IV. 25.28b
शोकनाशनम् VI. 2,Id , सख्यमिच्छति IV. 3.22 ,, सख्यमेष्यति IV. 15.14d
स च रामेण VII. 40.28a , सचिवैः सह IV. 32.1b " , , , 57.13b , सत्यसंगरः V. 51.12b , सत्यसंपन्नः V. 39.33c सत्त्वसंपन्नः IV. 29.28c
V. 56.150 , ,, 68.I7c
VI. 50.20c ,, सप्तपर्णन VI. 43.25a.
समतिष्टत VI. 41.4Id समुदाहरत् IV. 38.7b सर्वतश्चक्षुः IV. 8.IIC
समुहृजनान् V.62.32d ,, सह चास्माभिः IV. 4.28c
सहलक्ष्मणम् IV. 12.25b सहलक्ष्मण: VI. 4.103b " , 18.16b
, II3.7b सह वानरैः III. 73.41d
, VI. 122.24b सहसोत्थितः VI. 40.7d संग्रहर्षयन् IV. 36.4d
संहतग्रीवः IV. 13.3c , सुखमश्नुते IV. 28.57b
सूर्यमण्डलम् VII. IIO.21d ,, सूर्यसंनिभम् IV. 38.IId
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