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सहस्रशस्त दाबाणान् VI. 107. Ise सहस्रशिखरोपेतम् VII. 31.15 सहस्रशिरसं देवम् IV. 40.520 विन्ध्यम् IV. 41.8a सहस्रो वेदात्मा VI. 117.18a सहस्रशो राघव संप्रभग्ना: VI. 61. Iod
39
वा स्फुटितां महीं व्रज II. 12.rogb सहस्रस्योत्तमं बलम् VII. 32.4b सहस्रं तु गवानृते IV. 34.9b
सहस्रेण III. 26.31c
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दिव्य भूषणम् VII. 77.12b
निहतं रणे VII. 15.7b
द्विधानपि II. 31.22b
युवतीनां तु VII.gc
वरनारीणाम् V. 9.33c वाहिनीस्तत्र V. 6.34c
22
समर्तन IV. 37.23d सहस्राक्ष इवासुरान् V. 46.39d सहस्राक्षपुरोगमाः VII. 85. Job
सहस्राक्षप्रसादजम् I. 62. 27d सहस्राक्षमथात्रवीत् I. 46.12d सहस्राक्षमिवामराः IV. 26.23b
VII. 82 16d सहस्राक्षवचः श्रुत्वा VII. 85.3a सहस्राक्षश्व देवेशः VI. 117.20 सहस्राक्षश्व वासवः V. 1. 13od सहस्राक्षसमद्युते: IV. 41.25d सहस्राक्षस्य तत्क्षणात् I. 48.28d
तत्सर्वम् I. 64.11a
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सारथिम् VI. 106.gb सारथी: VI. 102.13d सहस्राक्षं दुराधर्षम् I.
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पुरंदरम् VII. 76.gd aafat VII. 86.18b
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सहस्राक्षः पुरन्दरः I. 26.27d
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47.7d
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VII. 85.13b
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शचीपतिः I. 48.17b
शचीमित्र III. 40.22d सहस्राक्षाद्विरोचते VII. 37.23d सहस्राक्षेण काकुत्स्थ VI. 102.14a
काश्यपम् I. II. 28d धीमता I. 64.2b
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सहस्राक्षे न्यवेशयन् I. 49.8d
प्रतिज्ञाय I. 75.70
afafga VII. 86.19b
नरश्रेष्ठ I. 46.9c
सहस्राक्षो वधिष्यति VII. 85.5d
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सहस्राणां भविष्यति VII. 24.36d सहस्राणि चतुर्दश I. 1.4gb
53.18b
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भाषितम् VII. 67.14b
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VII. 24.28b
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च वानरा: VI. 67.6b
शतानि च IV. 35.15d
VII. 21.28d
सहस्राण्यपतन्द्रुतम् IV. 37.24d सहस्राण्यपि मूर्खाणाम् II. 100.23a
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रक्षसाम् V. 30.34b सहस्रानुचरा भूत्वा VII. 5.28c सहस्रान्कृतकर्मणः IV. 38.2b agar agafa VII. 6,64d सहस्रांशुसुतो धीमान् V. 62.35c सहस्रांशुः परंतप III. 72.24b सहस्रेण महायशाः VI. 71.94d
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III. 22.20b
32.1b
34.9d
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53.24b V. 26.12b
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