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सर्वेषामेव शृण्वताम् VI. 121.1gd सर्वेषां कपिमुख्यानाम् V. 60. 18a गृहगृध्नुनाम् VI. 75.14b
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देहहीनानाम् VII. 56. Sa
धनदाज्ञया VII. 41.10b
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च दिवौकसाम् VII. 85.3b
वनौकसाम् IV. 53.13d
VI. 46.16b
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51.7b
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चोपजीविनाम् II. 31. 36d
त्रिदिवौकसाम् I. 65.21d त्वं हि भावनः I. 62.5d
चेतसाम् VII. 45.1b
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दीप्ततेजसाम् I. 18.35d
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a: taq I. 15.25d
घर्षणम् VI. 8.6d
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VII. 74.6d
प्रभुश्चैव VII. 11.1oa
नो महामुने III. 11. gb
fa: I. 17.2b
afgest IV. 52.19c
पृथिवीक्षितम् I. 66.16d
fafa II. 105.20b
प्राणिनां पानम् VII. 73.7c
VII. 36.20c
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ब्रह्मवादिनाम् 1. 59.1rd
भविता तंत्र VII. 83. 14c
III. 55.15b
मानकाङ्क्षिणाम् VII. g. rob
12.11d
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मुनिपुंगव : I. 59.16d
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VI. 35.24d
at faag VI. 94.19b
१२२१
सर्वेषां रघुनन्दन VII. 79.14b
g: VII. 28.41b वनचारिणाम् IV. II. 2gd IV. 58.27d
fafaya I. 10.15d
at faga: V. 43.25b
afa VI. 118.20b faчa: V. 26.23d शमितो मया VI. 46.15d
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हरिवीराणाम् V. 57.45a
VI. 105.24d afa: VI. 100.12b सर्वत्र वदन्ति सन्तः V. 52.13d affar II. 17.15a सर्वेष्वनुविचिन्तयन् II. 117.1b सर्वे सङ्ग्रामकाङ्क्षिण: VI. 67.1d
समधितिष्ठत I. 60.sb
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V. 6.28a
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», 54.18a समुदीरितम् VII. 43.23b
1. 7.14b
सुमहात्मनाम् VII. 45.14b 1. 32.19b
समरदुर्मदाः VI. 69. rid समरमासाद्य VI. 69. 120
VII. 6.36c
33
समर्थाः पृथिवीं क्षणेन VI. 27.48c
समुदिता गुणैः I. 18.26b
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» 34d सर्वं परित्यज्य II. 41.18c
सर्वास्त्रकुशलाः VII. 6.37c aafaaaar: I. 17.26b
सर्षिगणाः सुराः I. 63.16d
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,, सह मरुद्गणैः I. 49.5d सहमहोदयाः I. 59.16b
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