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समदानां करेणूनाम् VII. 32.16c समन्तादुपशोभितम् V. I0.6d समदानिय कुञ्जरान् VII. 7.ud
समन्तादुपशोभिताम् VII. 42.2d समदा मदनेनेव V. (.ioc
समन्तादुरुदुः स्त्रियः II. 57.33d समदामिव च कचित् II. 50.2 d
समन्ताद्वयक्षिपद्रिपून् VI. 67.5d समदाविव गोवृषौ IV. 3.11b
समन्ताद्वानरे बले VI. I07.20b सय दुःख: गच्छति I. 4I.3d
समन्ताद्विचरद्भिश्र V. 2.15c समधार महानतम् VII. I3.25d
समन्ताद्विप्रधावद्भिः II. 71.23a स मधुवीयसंपन्नः VII, 61.5a
समन्ताद्यस्य ताः शाखाः III. 35.28a समनुज्ञातुमर्हसि VII. Sg.I6d
समन्ताद्योजनशतम् VII. 77.IC समनुज्ञाप्य पार्थिवम् I.746d
, 81.8a समनुनिशम्य जगाद वैव सूजुम् VII. 299.37d समन्तान्न प्रकाशते VI. 79.28d समन्ततस्तदा देवीम् I. 37.1.a
समन्तान्नरनारीगाम् II. 71.22a समन्ततः सस्वनमाकुलं व II. 6.28c समन्त्रिज्ञातिबान्धवम् I. 15.28d समन्तात्तस्य शलस्य II. (97.29c
समन्त्रिवर्ग सबलं सयायिनम् V. 41.9b समन्तात्तं शचीसुतम् VII. 28.16b स मन्त्रो मध्यमः स्मृतः VI. 6.13d समन्तात्पञ्चयोजनम् II. 97.20b
,, मन्दरसमप्रख्यम् V. 6.38c समन्तात्परिचक्रमुः VI. I02.4rd ,, मन्दराग्रस्थ इवांशुमाली V. 47.17a , ,, IT 2Id
समन्मथा तीव्रतरानुरागा IV. 30.39a समन्तात्परिधावत VII. 28 17d
स मन्यमानः कल्याणम् II. 14.63c समन्तात्परिधामन्तः II. 9.6.c
समन्युरब्रवीद्वाक्यम् I. 40. I0c VI. 42.3IC
समन्युरशपत्सर्वान् I. 36.21a समन्तापरिवारितः VI. 27.8d
समन्युरिदमत्रवीत् I. 57.8b समन्तात्पर्वतोपमम् I. 80.240
समन्युः कोशिको वाक्यम् I. 2I.IC समन्तात्पुष्पसंहन्नम VI.30.I7c
समन्वेषतु काकुत्स्थौ II. 98.4c समन्तात्प्रापयत III. 24.25b
समन्वेषितुमर्हसि III. 67.7b समन्तात्प्रत्यविध्यत VII. 28.IId
समप्रतिष्टां जगतीम् V. 62.36c समन्तात्सम भिद्रुताः VII. 32.33d समभवदुज्ज्वलितो महर्षिवह्निः I. 20 28d समन्तात्मुविभूषितः V. 9.24d
समिक्रम्य वेगतः VI. 16.22b समन्तादभिसंपत्य III. 52.36a
समभित्यक्तदेहिनः VI. 55.16b समन्तादभिसंता IV. I.6.1d
समभिद्रवति स्वयम् VI. 92.45d समन्तादवभासितम् V.26.22b
समभिष्ट्रय संनताः I. 15.18d समन्तादवशीर्यत I. 37.13d
समभूमितले रम्ये II. 56.Ila समन्तादाश्रम पूर्णम् IV. 11.54c
समभूमौ निवेशिताम् I. 5.17b समन्तादुपयास्थतः VII. 27.2b
समभ्यधावन्वेगेन V. 62.2rc समन्तादुपशोभितम् I. I.25b
समभ्युपेत्याद्भुतघोरवीर्यम् VI. 67.68a
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